आज हम सभी भक्तों के सामने Kalkaji Mandir Delhi ( कालकाजी मंदिर दिल्ली ) की जानकारी प्रस्तुत कर रहे हैं | इसके अलावा हम कालकाजी माता आरती की Lyrics उपलब्ध करवाएंगे |
कालका माता मां पार्वती का रुद्र अवतार है, मां पार्वती ने यह अवतार राक्षसों को करने के लिए धारण करा है, मां पार्वती ने कालका मां का अवतार लेकर रक्त बीच राक्षस का वध कर, इस सृष्टि को उस राक्षस से मुक्त करा था | देवलोक को उस रक्षास मुक्त किया | मां पार्वती का कालका रूप बहुत सुंदर है, भगवान शंकर इस रूप में मां कालका के साथ भैरव के रूप में रहते हैं |
जब भी कोई भक्त भूत – प्रेत बाधा से परेशान होता है, या वह बहुत परेशानी से जूझ रहा होता है, तो वह मां पार्वती के कालका रूप की पूजा करता है, मां उसको अपना रक्षा कवच प्रदान करती है, उस भूत – प्रेत से मुक्त करती है, वह साथ ही साथ उसके हर कार्य सफल करती है, और उस – पर अपनी असीम कृपा बनाए रखती है बोलिए जय कालका मां
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Kalkaji Mandir Delhi की कहानी
- कालका मां मंदिर का इतिहास इस प्रकार है, कि यहां पर माता के मंदिर से पहले अन्य देवताओं के मंदिर थे| अन्य देवता यहां पर निवास करते थे| असुर उन देवताओं को बहुत परेशान करते थे| देवताओं ने ब्रह्मा भगवान को इस समस्या के बारे में बताया
- ब्रह्मा देव ने देवताओं को सुझाव दिया कि वह मां पार्वती की तपस्या करें और मां पार्वती को अपनी यह परेशानी बताएं तब देवताओं ने कालका मंदिर के स्थान पर मां पार्वती की कठोर तपस्या करी मां पार्वती देवताओं से प्रसन्न हुई और उनके सामने प्रकट हुई, मां पार्वती ने उनसे पूछा कि क्या परेशानी है|
- तब देवताओं ने अपनी परेशानी मां पार्वती को बताइए, मां पार्वती क्रोधित हुई, उन्होंने अपना मुंह खोला, माता के मुंह से मां कोशिकी प्रकट हुई, जो की मां पार्वती का रूद्र रूप है| मां कोशिकी ने राक्षसों का संघार करना शुरू करा, राक्षसों की संख्या इतनी ज्यादा थी माता ने उन सबको चुटकियों में ही खत्म कर दिया|
- उन राक्षसों को यह वरदान प्राप्त था कि अगर उनका रक्त की बूंद जमीन पर गिरेगी तो वह दोबारा उठ खड़े होंगे मां कोशिकी उनको मारते-मारते थक गई| मां कोशिकी को बहुत क्रोध आया मां कोशिकी ने और भयंकर रूप धारण कर मां कालका रूप प्रकट किया| मां कालका ने सभी राक्षसों को मार-कर उनका रक्त पी गई और साथ ही साथ उन राक्षसों को कच्चा खा गई|
- मां कालका ने राक्षसों को मारा, देवताओं को इस जगह से राक्षस मुक्त किया उसके बाद मां कालका ने यहीं पर ही अपना निवास स्थान बना लिया| मां कालका उस समय से लेकर आज तक हमारे सामने इस मंदिर पर साक्षात विराजमान है|
Kalkaji Mandir Delhi की सम्पूर्ण जानकारी
Kalkaji Mandir Delhi समय
सोमवार से रविवार | सुबह से रात तक – 04:00 AM to 11:30 PM |
आरती का समय | सुबह – 05:00 AM to 07:00 AM और रात – 07:00 PM to 09:00 PM |
माता के भोग का समय | 11:30 AM to 12:00 PM इस समय मंदिर आधे घंटे के लिए बंद रहता है| |
माता के सोने का स्थान और भजन | रात – 11:00 PM to 11:30 PM |
Kalkaji Mandir Delhi दूरी
New Delhi Railway Station | 15.2 km |
Kalkaji Mandir Metro Station | 396 meters |
Indira Gandhi Airport | 15.6 Km |
Lotus Temple | 500 meters |
Kalkaji Mandir Delhi के अंदर की जानकारी
समर्पित | काली माता |
संस्थापक | मराठा द्वारा 1764 में किया गया था| फिर इसे 1816 में राजा केदारनाथ द्वारा किया गया था| |
फोटोग्राफी | कालकाजी मंदिर पर कुछ-कुछ स्थानों पर फोटो खींच सकते हैं| |
छोटे 12 गेट | कालकाजी मंदिर पर छोटे 12 गेट हैं| जो की 12 महीने को दर्शाते हैं, कहा जाता है इस मंदिर पर जो माता के दर्शन करता है, उसे कभी भी ग्रहण का दोष नहीं लगता वह ग्रह मुक्त होते हैं| |
Kalkaji Mata 4 रूप
दक्षिणा काली |
शमशान काली |
मातृ काली |
महाकाली |
Kalkaji Mandir Delhi – Gallery
Kalkaji Mata Aarti In Hindi
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥
जय अम्बे गौरी
माँग सिन्दूर विराजत, टीको मृगमद को।
उज्जवल से दोउ नैना, चन्द्रवदन नीको॥
जय अम्बे गौरी
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला, कण्ठन पर साजै॥
जय अम्बे गौरी
केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी।
सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहारी॥
जय अम्बे गौरी
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।
कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति॥
जय अम्बे गौरी
शुम्भ-निशुम्भ बिदारे, महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती॥
जय अम्बे गौरी
चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे।
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥
जय अम्बे गौरी
ब्रहमाणी रुद्राणी तुम कमला रानी।
आगम-निगम-बखानी, तुम शिव पटरानी॥
जय अम्बे गौरी
चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरूँ।
बाजत ताल मृदंगा, अरु बाजत डमरु॥
जय अम्बे गौरी
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।
भक्तन की दु:ख हरता, सुख सम्पत्ति करता॥
जय अम्बे गौरी
भुजा चार अति शोभित, वर-मुद्रा धारी।
मनवान्छित फल पावत, सेवत नर-नारी॥
जय अम्बे गौरी
कन्चन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।
श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति॥
जय अम्बे गौरी
श्री अम्बेजी की आरती, जो कोई नर गावै।
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पत्ति पावै॥
जय अम्बे गौरी
Kalkaji Mata Aarti In English
Jai Ambe Gauri Maiyya Jai Shyama Gauri
Tumkonishidin dhyaavat Hari Brahma Shivari
Jai Ambe Gauri
Maang sindoor virajat teeko mrigmad ko
Ujjwal se dou naina chandravadan neeko
Jai Ambe Gauri
Kanak samaan kalevar raktambar raajai
Raktpushp gal maala kanthan par sajai
Jai Ambe Gauri
Kehari vaahan rajat khadag khappardhaari
Sur nar muni jan sevat tinke dukhhari
Jai Ambe Gauri
Kanan kundal shobhit naasaagre moti
Kotik chandra divakar sam rajat jyoti
Jai Ambe Gauri
Shumbh Nishumbh vidaare Mahishasur ghaati
Dhumra vilochan naina nishidin madmaati
Jai Ambe Gauri
Chand Mund sanhaare shonit bij hare
Madhu Kaitabh dou maare sur bhayheen kare
Jai Ambe Gauri
Brahmaani Rudraani tum Kamala Raani
Aagam nigam bakhaani tum Shiv Patraani
Jai Ambe Gauri
Chausath yogini mangal gaavat nritya karat Bhairun
Baajat taal mridang aru baajat damaru
Jai Ambe Gauri
Tum hi jag ki maata tum hi ho bharata
Bhaktan ki dukh harata sukh sampatti karata
Jai Ambe Gauri
Bhuja chaar ati shobhit var-mudraa dhaari
Manwaan chit phal paavat sevat nar naari
Jai Ambe Gauri
Kanchan thaal virajat agar kapoor baati
Shree Malaketu mein raajat koti ratan jyoti
Jai Ambe Gauri
Shree Ambeji ki aarti jo koi nar gaavai
Kahat Shivaanand Swami sukh sampatti paavai
Jai Ambe Gauri
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