Gorakhnath Chalisa | गोरखनाथ चालीसा | 13 Benefits

आज हम सभी भक्तों के सामने गोरखनाथ चालीसा प्रस्तुत कर रहे हैं | इस चालीसा में BEST 13 Benefits of Gorakhnath Chalisa के बारे में बताएंगे, इसके अलावा हम Lyrics उपलब्ध करवाएंगे |

इस Article में हम भगवान Gorakhnath Chalisa ( गोरखनाथ चालीसा ) का वर्णन करेंगे| श्री गोरखनाथ चालीसा का श्रवण आप अवश्य करें। गोरखनाथ एक महत्वपूर्ण हिन्दू धार्मिक व्यक्ति थे। वे भगवान शिव के अवतार हैं और नाथ सम्प्रदाय की शुरुआत की थी।

Gorakhnath Chalisa
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भगवान गोरखनाथ का जन्म आठवीं सदी के आसपास हुआ था और उनका जन्म नेपाल में हुआ था वह एक बहुत बड़े गुरु हैं और साथ में कहा जाता है वह भगवान शिव के अवतार हैं और उनको तंत्र योग में बहुत ऊंचा माना जाता है और उनके शिष्य आज पूरे भारत में हैं और वह मंत्र के बहुत बड़े गुरु हैं और उन्होंने अपने शिष्यों को मंत्र दीक्षा दी है जिससे उनके शिष्य ने पूरे भारत में लोगों का कल्याण करा है और लोगों को भक्ति के मार्ग में चलना सिखाया है|

Gorakhnath Chalisa In Hindi

॥ दोहा ॥

गणपति गिरजा पुत्र को, सुमिरूँ बारम्बार
हाथ जोड़ बिनती करूँ, शारद नाम आधार

जय जय गोरख नाथ अविनासी । कृपा करो गुरु देव प्रकाशी
जय जय जय गोरख गुण ज्ञानी । इच्छा रुप योगी वरदानी
अलख निरंजन तुम्हरो नामा । सदा करो भक्तन हित कामा नाम तुम्हारा जो कोई गावे|
जन्म जन्म के दुःख मिट जावे

जो कोई गोरख नाम सुनावे । भूत पिसाच निकट नहीं आवे
ज्ञान तुम्हारा योग से पावे । रुप तुम्हारा लख्या न जावे
निराकर तुम हो निर्वाणी । महिमा तुम्हारी वेद न जानी
घट घट के तुम अन्तर्यामी । सिद्ध चौरासी करे प्रणामी

भस्म अंग गल नाद विराजे । जटा शीश अति सुन्दर साजे
तुम बिन देव और नहीं दूजा । देव मुनि जन करते पूजा
चिदानन्द सन्तन हितकारी । मंगल करुण अमंगल हारी
पूर्ण ब्रह्म सकल घट वासी । गोरख नाथ सकल प्रकाशी

गोरख गोरख जो कोई ध्यावे । ब्रह्म रुप के दर्शन पावे
शंकर रुप धर डमरु बाजे । कानन कुण्डल सुन्दर साजे
नित्यानन्द है नाम तुम्हारा । असुर मार भक्तन रखवारा
अति विशाल है रुप तुम्हारा । सुर नर मुनि पावै न पारा

दीन बन्धु दीनन हितकारी । हरो पाप हम शरण तुम्हारी
योग युक्ति में हो प्रकाशा । सदा करो संतन तन वासा
प्रातःकाल ले नाम तुम्हारा । सिद्धि बढ़ै अरु योग प्रचारा
हठ हठ हठ गोरक्ष हठीले । मार मार वैरी के कीले

चल चल चल गोरख विकराला । दुश्मन मार करो बेहाला
जय जय जय गोरख अविनासी । अपने जन की हरोचौरासी
अचल अगम है गोरख योगी । सिद्धि देवो हरो रस भोगी
काटो मार्ग यम को तुम आई । तुम बिन मेरा कौन सहाई

अजर-अमर है तुम्हारी देहा । सनकादिक सब जोरहिं नेहा
कोटिन रवि सम तेज तुम्हारा । है प्रसिद्ध जगत उजियारा
योगी लखे तुम्हारी माया । पार ब्रह्मा से ध्यान लगाया
ध्यान तुम्हारा जो कोई लावे । अष्टसिद्धि नव निधि घर पावे

शिव गोरख है नाम तुम्हारा । पापी दुष्ट अधम को तारा
अगम अगोचर निर्भय नाथा । सदा रहो सन्तन के साथा
शंकर रूप अवतार तुम्हारा । गोपीचन्द्र भरथरी को तारा
सुन लीजो प्रभु अरज हमारी । कृपासिन्धु योगी ब्रह्मचारी

पूर्ण आस दास की कीजे । सेवक जान ज्ञान को दीजे
पतित पावन अधम अधारा । तिनके हेतु तुम लेत अवतारा
अलख निरंजन नाम तुम्हारा । अगम पन्थ जिन योग प्रचारा
जय जय जय गोरख भगवाना । सदा करो भक्तन कल्याना

जय जय जय गोरख अविनासी । सेवा करै सिद्ध चौरासी
जो ये पढ़हि गोरख चालीसा । होय सिद्ध साक्षी जगदीशा
हाथ जोड़कर ध्यान लगावे । और श्रद्धा से भेंट चढ़ावे
बारह पाठ पढ़ै नित जोई । मनोकामना पूर्ण होइ

॥ दोहा ॥

सुने सुनावे प्रेम वश, पूजे अपने हाथ ।
मन इच्छा सब कामना, पूरे गोरखनाथ ॥
अगम अगोचर नाथ तुम, पारब्रह्म अवतार ।
कानन कुण्डल सिर जटा, अंग विभूति अपार ॥
सिद्ध पुरुष योगेश्वरो, दो मुझको उपदेश ।
हर समय सेवा करुँ, सुबह शाम आदेश ॥

॥ इति श्री गोरखनाथ चालीसा संपूर्णम् ॥

Gorakhnath Chalisa In English

॥ Doha ॥

Ganpati Girja Putra Ko, Sumiru Barambar
Haath Jod Binati Karu, Sharad Naam Adhaar

Jai Jai Gorakh Nath Avinashi. Kripa Karo Guru Dev Prakashi
Jai Jai Jai Gorakh Gyanani. Ichha Roop Yogi Vardani
Alakh Niranjana Tumhara Nama. Sada Karo Bhaktan Hit Kaama Nama Tumhara Jo Koi Gaave
Janma Janma Ke Dukh Mit Jaave

Jo Koi Gorakh Naam Sunaave. Bhoot Pishach Nikat Nahi Aave
Gyan Tumhara Yog Se Paave. Roop Tumhara Lakhyaa Na Jaave
Niraakar Tum Ho Nirvana. Mahima Tumhari Ved Na Jaani
Ghat Ghat Ke Tum Antaryaami. Siddh Chaurasi Kare Pranami

Bhasm Ang Gal Naad Viraaje. Jata Sheesh Ati Sundar Saaje
Tum Bin Dev Aur Nahin Dooja. Dev Muni Jan Karate Pooja
Chidanand Santan Hitkaari. Mangal Karun Amangal Haari
Poorn Brahm Sakal Ghat Vaasi. Gorakh Nath Sakal Prakashi

Gorakh Gorakh Jo Koi Dhyaave. Brahm Roop Ke Darshan Paave
Shankar Roop Dhar Damaru Baaje. Kaan Kunjal Sundar Saaje
Nityanand Hai Naam Tumhara. Asur Maar Bhaktan Rakhvaara
Ati Vishal Hai Roop Tumhara. Sur Nar Muni Paave Na Paara

Deen Bandhu Deenan Hitkaari. Haro Paap Ham Sharan Tumhaari
Yog Yukt Mein Ho Prakasha. Sada Karo Santan Tan Vaasa
Praatahkaal Le Naam Tumhaara. Siddhi Badhe Aru Yog Prachaara
Hath Hath Hath Gorakh Hatheele. Maar Maar Vairi Ke Keel

Chal Chal Chal Gorakh Vikaara. Dushman Maar Karo Behaala
Jai Jai Jai Gorakh Avinashi. Apne Jan Ki Haro Chaurasi
Achal Agam Hai Gorakh Yogi. Siddhi Devo Haro Ras Bhogi
Kaato Marg Yam Ko Tum Aaye. Tum Bin Mera Kaun Sahaai

Ajar-Amar Hai Tumhaari Deha. Sanakadi Sab Jorahin Neha
Kotin Ravi Sam Tej Tumhaara. Hai Prasiddh Jagat Ujiyaara
Yogi Lakhe Tumhaari Maaya. Paar Brahma Se Dhyaan Lagaya
Dhyaan Tumhara Jo Koi Laave. Ashtasiddhi Nav Nidhi Ghar Paave

Shiv Gorakh Hai Naam Tumhaara. Paapi Dusht Adham Ko Taara
Agam Agochar Nirbhay Naatha. Sada Raho Santan Ke Saatha
Shankar Roop Avataar Tumhaara. Gopichandra Bharathari Ko Taara
Suno Lijo Prabhu Arj Hamaari. Kripaasindhu Yogi Brahmachari

Poorn Aas Daas Ki Kije. Sevak Jaan Gyaan Ko Dije
Patit Paawan Adham Adhaara. Tinke Hetu Tum Let Avaataara
Alakh Niranjana Naam Tumhaara. Agam Panth Jin Yog Prachaara
Jai Jai Jai Gorakh Bhagwaana. Sada Karo Bhaktan Kalyaana

Jai Jai Jai Gorakh Avinashi. Seva Karai Siddh Chaurasi
Jo Ye Padhe Gorakh Chalisa. Hoye Siddh Saakshi Jagadisha
Haath Jodkar Dhyaan Lagaave. Aur Shraddha Se Bhent Chadhaave
Barah Paath Padhai Nit Joi. Manokamna Poorna Hoye

॥ Doha ॥

Sune sunaave prem vash, pooje apne haath
Man ichha sab kaamna, poore Gorakhnath
Agam agochar naath tum, paarbrahma avataar
Kaan kunjal sir jata, ang vibhooti apaar
Siddh purush Yogeshwaro, do mujhko updesh
Har samay seva karun, subah shaam aadesh

॥ Iti Shri Gorakhnath Chalisa Sampurnam ॥

BEST 13 Benefits of Gorakhnath Chalisa

BEST 13 Benefits of Gorakhnath Chalisa
BEST 13 Benefits of Gorakhnath Chalisa

  1. भगवान गोरखनाथ की साधना आपको कैसे करनी है और कैसे आप गोरख चालीसा को सिद्ध कर सकते हो और भगवान गोरखनाथ चालीसा के फायदे क्या है। तो गुरु गोरखनाथ की साधना आपको करनी है। रविवार के दिन से साधना शुरू कर सकते हो और सोमवार से भी आप शुरू कर सकते हो|
  2. सोमवार भगवान शंकर का दिन है। बहुत ही शुभ दिन है और रविवार को गुरु गोरखनाथ जी की साधना करी जाती है। प्रारम्भ कर दी जाती है और उनके व्रत वगैरह भी रविवार के दिन किए जाते हैं। तो इसमें आपको क्या करना है |
  3. सबसे पहले आप को ब्रह्म मुहूर्त में उठना है। प्रातःकाल आप 4:00 बजे उठ जाइए या 5:00 बजे भी आप उठ सकते हो 4:00 बजे तक आप उठ जाइए उसके बाद में अपना फ्रेश वगैरह हो करके फिर आप स्नान करें।
  4. स्नान करने के बाद में शुद्ध वस्त्र आपको धारण करनी है। उसके बाद मैं आपको एक लकड़ी की चौकी के ऊपर पीले रंग का वस्त्र बिछाना है। पीले रंग के वस्त्र बिछाने के बाद में उसके ऊपर गुरु गोरखनाथ जी की मूर्ति या फोटो स्थापित करना है।
  5. उसके बाद में गुरु गोरखनाथ जी के समक्ष आपको जल का पात्र रखना है। भोग प्रसाद उनके समक्ष आपको रखना या भोग प्रसाद में रोटी का प्रसाद गुरु गोरखनाथ जी को लगा सकते हो।
  6. इसके अलावा आप लड्डू का भोग भी गुरुगोरखनाथ जी को लगा सकते हो और शुद्ध देसी घी का दीपक गुरु गोरखनाथ जी की सेवा में चलेगा। आप अखंड दीपक लगाइए।
  7. अगर आपको सिद्धि प्राप्त करनी है तो अगर आप चाहते हो कि गुरु गोरखनाथ जी के आपको दर्शन प्राप्त हो तो 21 दिन तक या फिर 11 दिन तक आपको अखण्ड दीपक लगाना है। जीतने, दिन के भी आप साधना आपने सेवा उठाई है, साधना उठाई है। 11 दिन की उठाओ या फिर आप 21 दिन की उठाव उतने दिन तक आपको अखण्ड दीपक लगाना पड़ेगा। उसके बाद मैं आपको इसमें नियम आपके चलेंगें ब्रह्मचर्य का पालन आपको करना पड़ेगा।
  8. जमीन पर आपको सोना पड़ेगा और सात्विक भोजन आपका रहेगा। और प्याज लहसन का बिलकुल आपको सेवन तक नहीं करना है। छूना तक नहीं है | और इसमें जल का पात्र रखा जाएगा। गुरु गोरखनाथ जी के वस्त्र और झोले रखे जाएंगे। झोले आप गुरु गोरखनाथ जी के लिए भगवे रंग का वस्त्र रख सकते हो। संतरी रंग का जो केसरिया रंग होता है भगवा रंग होता है। उस रंग का वस्त्र आप गुरु गोरखनाथ जी के लिए रखेंगे, आप उनको पगड़ी दे सकते हो, आप उनको स्वापी दे सकते हो और नहीं, तो फिर आप उनके लिए 5.25 मीटर है या 2.25 मीटर?
  9. अब उसके बाद में आपको सबसे पहले संकल्प करना है। संकल्प में आप अपना नाम बोलोगे, अपने पिताजी का नाम बोलो, गे अपना गोत्र बोलोगे और आपकी मनोकामना क्या है? बोलोगे, वह बोलने के बाद मैं आपको जल जल्दी छोड़ देना है भूमि में उसके बाद में आपको संकल्प से पहले आपको पवित्रीकरण जरूर करना है। पवित्रीकरण करने के बाद में आपको आचमन करना है।
  10. दिन भर ओम केशवाय नम: ओम माधवाय नमः ओम गोविन्दाय नम: ओम हृषिकेश चयन महा आचमन करने के बाद मैं आपको जल के छींटे अपने ऊपर मारने है और जो भी वहाँ पर है, सामग्री रखी है, उसके ऊपर आपको जल के छींटे मारने है, उसके बाद में आपको अपने आसन को शुद्ध करना है।
  11. अगर आपको सारे मंत्र नहीं आते तो सिंपल सा आपको जल लेना और सब के ऊपर छिड़क लेना है। ठीक है। उसके बाद में संकल्प इत्यादि ले करके गणेश आदि देवी देवताओं की पूजा आपको करनी है। उनका ध्यान करना है उनको प्रणाम करना है। उनसे अनुमति आपको लेनी है भगवान गणेश से, माँ जगदम्बा से और भगवान भोलेनाथ से।
  12. उसके बाद मैं आपको गुरु गोरखनाथ कीं चालीसा का पाठ शुरू कर देना है। इसमें पूरी की पूरी। आपकी 71 चालीसा यानी की 71 चालीसा का पाठ किया जाएगा।
  13. गुरु गोरखनाथ जी की सेवा में 71 चालीसा आपको पूरे के पूरे 11 दिनों तक पढ़नी है। या फिर आप अगर आप 21 दिन की साधना कर रहे हो तो 21 दिन तक आपको पूरी की पूरी 71 चालीसा करनी है 11 दिनों में। आपको सिद्धि तो प्राप्त नहीं होगी, लेकिन हाँ, आपको गुरु गोरखनाथ जी की कृपा जरूर मिल जाएगी। 11 दिनों में अगर आपको सिद्धि प्राप्त करनी है पूरी तो उसके लिए आपको 21 दिन की या फिर 41 दिन की पूरी साधना आपको करनी पड़ेगी।

इससे ज्यादा भी आपको करनी पड़ सकती है क्योंकि देवी देवताएं परीक्षा भी लेते हैं और आपके मनोकामन का भाव भी देखते हैं। हर चीज़ देखते हैं उसके बाद ही आपको शक्ति और सिद्धि करते है तो ये सारी चीजें देखने के बाद में आपको भगवान गोरखनाथ के दर्शन आपको सपने में हो सकते हैं। किसी किसी बालक के रूप में आपको हो सकते हैं, किसी अवधूत के रूप में हो सकते हैं। किसी नाथ के रूप में आपको दर्शन हो सकते हैं।

तो यह है गुरु गोरखनाथ चालीसा के फायदे जो कि आप कर सकते हैं और आपके गुरु गोरखनाथ जी जो कि भगवान भोलेनाथ के अवतार हैं उनकी कृपा आपको प्राप्त हो सकती है तो आप यह चालीसा का पाठ जरूर करें और इसके फायदे जरूर बताएं|

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