आज हम सभी भक्तों के सामने Katyayani Mata Mandir Chattarpur ( कात्यायनी माता मन्दिर छतरपुर ) की जानकारी प्रस्तुत कर रहे हैं | इसके अलावा हम कात्यायनी माता आरती की Lyrics उपलब्ध करवाएंगे |
कात्यायनी माता मां पार्वती का एक दिव्य रूप है, कहा जाता है कात्यानी माता मां पार्वती का छठा अवतार है, मां पार्वती ने असुरों का वध करने के लिए नवदुर्गा रूप धारण करा था| जिसमें माता ने सब असुरों का नाश कर कर हमें असुरों से मुक्ति दिलाई थी| माता कात्यानी का रूप बहुत प्यार है माता कात्यानी को ज्ञान की देवी कहा जाता है|
छतरपुर मंदिर मां कात्यानी का दिव्य मंदिर और शक्तिपीठ माना जाता है, इस मंदिर की स्थापना संत नागपाल बाबा ने की थी जो की माता रानी के बहुत बड़े भक्त थे| माता का यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए एक दिव्य ज्योति के समान है, यहां पर हर श्रद्धालुओं की हमेशा मनोकामना पूर्ण होती है, यहां पर मां का स्वरूप साक्षात विराजमान है, मां कात्यायनी सब भक्तों पर अपनी कृपा बनाए रखें|
Table of Contents
Katyayani Mata Mandir Chattarpur की कहानी
- माता कात्यायनी स्वयं में ही जगदंबा है मान्यता यह है, कि इस मंदिर की कहानी शुरुआत बाबा नागपाल जी से हुई है| इस मंदिर का निर्माण बाबा नागपाल जी ने करवाया था, नागपाल जी कर्नाटक के रहने वाले थे उन्होंने कैलाश पर्वत ,उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के सभी पर्वतों में तपस्या कर रखी थी|
- वह मां कात्यायनी के बहुत बड़े भक्त थे| एक दिन उनके सपने में मां कात्यानी ने दर्शन दिए और उनको बोला कि आप दिल्ली की ओर प्रस्थान करें तो बाबा नागपाल जी दिल्ली की ओर प्रस्थान कर गए, उन्हें छतरपुर गांव बहुत पसंद आया तो उन्होंने निर्णय लिया कि वह छतरपुर मंदिर में एक दिव्या मंदिर माता के लिए बनाएंगे और माता को यही स्थापित कर देंगे बाबा नागपाल जी ने यही पर समाधि भी ली कहा जाता है|
- बाबा नागपाल जी के माता-पिता बचपन में ही गुजर गए थे| उन्होंने फिर जगदंबे मां कात्यायनी को अपनी मां मानकर हमेशा उनकी पूजा करी, उनसे सच्चा लगाव लगाया, माता कात्यायनी की कृपा से बाबा नागपाल जी ने हम सब भक्तों के लिए माता के दरबार खोल दिए|
- कात्यानी माता मां पार्वती का छठा अवतार है, कात्यानी माता को ज्ञान की देवी माना जाता है, वह सब भक्त जनों को ज्ञान प्रदान करती है, मां पार्वती ने कात्यानी रूप असुरों का वध करने के लिए धारण करा था तब से मां कात्यायनी को जगदंबा भी बोला जाता है|
Katyayani Mata Mandir Chattarpur की सम्पूर्ण जानकारी
Katyayani Mata Mandir Chattarpur समय
सोमवार से रविवार | सुबह से रात तक – 6 AM to 10 PM |
नवरात्रों के समय | 24 घंटे |
Katyayani Mata Mandir Chattarpur दूरी
Old Delhi Railway Station | 25.4 KM |
Chattarpur Metro Station | 500 M |
Indira Gandhi Airport | 12.2 KM |
Qutub Minar | 4.6 KM |
Katyayani Mata Mandir Chattarpur के अंदर की जानकारी
समर्पित | कात्यायनी माता |
संस्थापक | सन्त नागपाल बाबा |
फोटोग्राफी | यहां फोटो खींचना मना है यहां फोटो नहीं खींची जाती | आदर्श भक्ति ने सारी फोटो पंडितों की अनुमति से खींची है| |
Katyayani Mata 9 रूप
Shailaputri |
Brahmacharini |
Chandraghanta |
Kushmanda |
Skandamata |
Katyayani |
Kalaratri |
Mahagauri |
Siddhidhatri |
कात्यानी माता किस स्थान पर करती है, भोजन का सेवन?
कात्यानी माता मां पार्वती का छठा अवतार है, छतरपुर में स्थित कात्यानी मंदिर बहुत प्राचीन और शक्तिपीठ है, यहां के पंडित बताते हैं कि कात्यायनी माता खाने का सेवन अपने कक्ष में करती है, माता का भोजनालय स्थान माता मंदिर के में बना रखा है, यह स्थान में बताया जाता है, कि पंडित लोग रात में माता को भोग लगाते हैं, माता यहां पर स्वयं भोजन खाती है, साथ ही साथ माता की बहने भी यहां आती है, 9 दुर्गा माता के अवतार यहां पर आते हैं और स्वयं भोजन का सेवन करते हैं |
यह स्थान बहुत पवित्र है यहां के पंडितों ने बताया है कि कई बार बहुत सारे पंडितों ने यहां पर माता को भोजन का सेवन करते हुए देखा भी है, माता का यह भव्य मंदिर बहुत प्राचीन है, इस मंदिर की मान्यता बहुत है, इस मंदिर का निर्माण संत बाबा नागपाल जी ने करवाया था जिनका आज सभी भक्त लोग प्रणाम करते हैं, जिनकी वजह से आज हम अंबे मां कप्तानी के दर्शन कर पा रहे हैं|
कर्तानी माता का विश्राम स्थल?
इस स्थान पर करती है मां कात्यायनी विश्राम, इस स्थान पर माता का सजावटी सामान रखा गया है माता का श्रृंगार का सामान माता का बेड, माता के बेड के ऊपर माता की तस्वीर भी रखी गई है, इस स्थान पर बाबा नागपाल जी की मूर्ति है, माता के बेड को मोतियों से सजाया गया है, यहां पर टेबल और माता के लिए कुर्सी भी रखी गई है |
माता कात्यायनी के दर्शन करने के बाद आप जब नीचे उतरते हैं, तो सीधा आप इस स्थान की ओर पहुंचते हैं, सबसे पहले आपको माता का भोजनालय कक्ष दिखाई देता है, उसके बाद आप माता के सोने के स्थान पर आते हैं यह स्थान बहुत पवित्र है यहां के पुजारी ने बताया है, कि यहां पर माता को विश्राम करते हुए रात में देखा गया है, यह मंदिर बहुत प्राचीन है और यहां पर साक्षात माता कात्यायनी विराजमान है|
Katyayani Mata Mandir Chattarpur – Gallery
Katyayani Mata Aarti Details
Aarti | Katyayani Mata Aarti |
Singer | Anuradha Paudwal |
Music Director | Dr. Sanjayraj Gaurinandan (SRG) |
Lyrics | Shivpoojan Patwa |
Katyayani Mata Aarti In Hindi
जय जय अम्बे, जय कात्यायनी।
जय जगमाता, जग की महारानी।
बैजनाथ स्थान तुम्हारा।
वहां वरदाती नाम पुकारा।
कई नाम हैं, कई धाम हैं।
यह स्थान भी तो सुखधाम है।
हर मंदिर में जोत तुम्हारी।
कहीं योगेश्वरी महिमा न्यारी।
हर जगह उत्सव होते रहते।
हर मंदिर में भक्त हैं कहते।
कात्यायनी रक्षक काया की।
ग्रंथि काटे मोह माया की।
झूठे मोह से छुड़ाने वाली।
अपना नाम जपाने वाली।
बृहस्पतिवार को पूजा करियो।
ध्यान कात्यायनी का धरियो।
हर संकट को दूर करेगी।
भंडारे भरपूर करेगी।
जो भी मां को भक्त पुकारे।
कात्यायनी सब कष्ट निवारे।
Katyayani Mata Aarti In English
Jai Jai Ambe, Jai Katyayani
Jai Jagmata, Jag ki Maharani
Baijnath sthan tumhara
Vahan varadati naam pukara
Kai naam hain, kai dham hain
Yah sthan bhi to sukhadham hain
Har mandir mein jyot tumhari
Kahin Yogeshwari mahima nyari
Har jagah utsav hote rahte
Har mandir mein bhakt hain kehte
Katyayani rakshak kaya ki
Granthi kate moh maya ki
Jhoothe moh se chhudane wali
Apna naam japane wali
Brihaspativar ko puja kariyo
Dhyan Katyayani ka dhariyo
Har sankat ko door karegi
Bhandare bharpoor karegi
Jo bhi ma ko bhakt pukare
Katyayani sab kasht nivare
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