आज हम सभी भक्तों के सामने दुर्गा चालीसा प्रस्तुत कर रहे हैं | इस चालीसा में BEST 7 Benefits of Durga Chalisa के बारे में बताएंगे, इसके अलावा हम Lyrics उपलब्ध करवाएंगे |
भारतीय संस्कृति में माँ दुर्गा शक्ति की देवी और असुरों के प्रति विजय की प्रतीक माना जाता है। माँ Durga Chalisa एक प्रमुख पौराणिक ग्रंथ है, जिसे भक्तियों द्वारा प्रतिदिन पढ़ा जाता है। यह चालीसा माँ दुर्गा की महिमा और शक्ति की स्तुति करने के लिए होती है।
Table of Contents
Durga Chalisa पढ़ने के 7 फायदे
- दुर्गा चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति की आत्मा को आंतरिक शांति मिलती है। यह चालीसा नकारात्मकता को दूर कर सुख-शांति की दिशा में मदद करती है।
- दुर्गा चालीसा का पाठ करने से डर और भय की भावना कम हो जाती है। मां दुर्गा के गर्भगृह में आने से व्यक्ति का आंतरिक और शारीरिक भय दूर हो जाता है।
- दुर्गा चालीसा का पाठ करने से स्वर-आत्मविश्वास मजबूत होता है और व्यक्ति में सकारात्मकता आती है। यह चालीसा व्यक्ति को सफलता की ओर ले जाती है और संघर्षों से उबरने की क्षमता प्रदान करती है।
- दुर्गा चालीसा का पाठ करने से मां दुर्गा का आशीर्वाद मिलता है और उनके आशीर्वाद से व्यक्ति के जीवन में समृद्धि और खुशियां आती हैं।
- दुर्गा चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली परेशानियां दूर हो जाती हैं।
- दुर्गा चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति की धार्मिक भावना मजबूत होती है और वह मां दुर्गा की आराधना और भक्ति में लीन हो जाता है। यह याचना करने वाले व्यक्ति के मन, शरीर और आत्मा की पवित्रता और सकारात्मकता में मदद कर सकता है।
- दुर्गा चालीसा के पाठ से आपके कर्मफल में वृद्धि हो सकती है और आपके प्रयासों को सफलता की दिशा में मदद मिल सकती है।
Durga Chalisa – दुर्गा चालीसा in Hindi
॥ चौपाई ॥
नमो नमो दुर्गे सुख करनी ।
नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी ॥
निरंकार है ज्योति तुम्हारी ।
तिहूँ लोक फैली उजियारी ॥
शशि ललाट मुख महाविशाला ।
नेत्र लाल भृकुटि विकराला ॥
रूप मातु को अधिक सुहावे ।
दरश करत जन अति सुख पावे ॥
तुम संसार शक्ति लै कीना ।
पालन हेतु अन्न धन दीना ॥
अन्नपूर्णा हुई जग पाला ।
तुम ही आदि सुन्दरी बाला ॥
प्रलयकाल सब नाशन हारी ।
तुम गौरी शिवशंकर प्यारी ॥
शिव योगी तुम्हरे गुण गावें ।
ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें ॥
रूप सरस्वती को तुम धारा ।
दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा ॥
धरयो रूप नरसिंह को अम्बा ।
परगट भई फाड़कर खम्बा ॥
रक्षा करि प्रह्लाद बचायो ।
हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो ॥
लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं ।
श्री नारायण अंग समाहीं ॥
क्षीरसिन्धु में करत विलासा ।
दयासिन्धु दीजै मन आसा ॥
हिंगलाज में तुम्हीं भवानी ।
महिमा अमित न जात बखानी ॥
मातंगी अरु धूमावति माता ।
भुवनेश्वरी बगला सुख दाता ॥
श्री भैरव तारा जग तारिणी ।
छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी ॥
केहरि वाहन सोह भवानी ।
लांगुर वीर चलत अगवानी ॥
कर में खप्पर खड्ग विराजै ।
जाको देख काल डर भाजै ॥
सोहै अस्त्र और त्रिशूला ।
जाते उठत शत्रु हिय शूला ॥
नगरकोट में तुम्हीं विराजत ।
तिहुँलोक में डंका बाजत ॥
शुम्भ निशुम्भ दानव तुम मारे ।
रक्तबीज शंखन संहारे ॥
महिषासुर नृप अति अभिमानी ।
जेहि अघ भार मही अकुलानी ॥
रूप कराल कालिका धारा ।
सेन सहित तुम तिहि संहारा ॥
परी गाढ़ सन्तन पर जब जब ।
भई सहाय मातु तुम तब तब ॥
अमरपुरी अरु बासव लोका ।
तब महिमा सब रहें अशोका ॥
ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी ।
तुम्हें सदा पूजें नरनारी ॥
प्रेम भक्ति से जो यश गावें ।
दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें ॥
ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई ।
जन्ममरण ताकौ छुटि जाई ॥
जोगी सुर मुनि कहत पुकारी ।
योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी ॥
शंकर आचारज तप कीनो ।
काम अरु क्रोध जीति सब लीनो ॥
निशिदिन ध्यान धरो शंकर को ।
काहु काल नहिं सुमिरो तुमको ॥
शक्ति रूप का मरम न पायो ।
शक्ति गई तब मन पछितायो ॥
शरणागत हुई कीर्ति बखानी ।
जय जय जय जगदम्ब भवानी ॥
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा ।
दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा ॥
मोको मातु कष्ट अति घेरो ।
तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो ॥
आशा तृष्णा निपट सतावें ।
मोह मदादिक सब बिनशावें ॥
शत्रु नाश कीजै महारानी ।
सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी ॥
करो कृपा हे मातु दयाला ।
ऋद्धिसिद्धि दै करहु निहाला ॥
जब लगि जिऊँ दया फल पाऊँ ।
तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊँ ॥
श्री दुर्गा चालीसा जो कोई गावै ।
सब सुख भोग परमपद पावै ॥
देवीदास शरण निज जानी ।
कहु कृपा जगदम्ब भवानी ॥
॥दोहा॥
शरणागत रक्षा करे,
भक्त रहे नि:शंक ।
मैं आया तेरी शरण में,
मातु लिजिये अंक ॥
॥ इति श्री दुर्गा चालीसा ॥
Durga Chalisa – दुर्गा चालीसा in English
Chaupai
Namo Namo Durge Sukh Karani
Namo Namo Durge Dukh Harani
Nirankar Hai Jyoti Tumhari
Tihun Lok Phaili Ujjyari
Shashi Lalat Mukh Mahavishala
Netra Lal Bhrikuti Vikarala
Roop Matu Ko Adhik Suhaave
Darash Karat Jan Ati Sukh Paave
Tum Sansar Shakti Lai Keena
Palan Hetu Ann Dhan Dina
Annapurna Hui Jag Paala
Tum Hi Aadi Sundari Baala
Pralayakaal Sab Nashan Haari
Tum Gauri Shivashankar Pyaari
Shiv Yogi Tumhare Gun Gaavein,
Brahma Vishnu Tumhein Nit Dhyaavein
Roop Saraswati Ko Tum Dhara
De Subuddhi Rishi Munin Ubaara
Dharayo Roop Narsimha Ko Amba
Paragat Bhai Fadkar Khamba
Raksha Kari Prahlad Bachaayo
Hiranyaksh Ko Swarg Pathaayo
Lakshmi Roop Dharo Jag Maahi
Shri Narayan Ang Samaahi
Ksheerasindhu Mein Karat Vilasa
Dayasindhu Dijiye Man Aasa
Hinglaj Mein Tumhi Bhavani
Mahima Amit Na Jaat Bakhaani
Matangi Aru Dhoomavati Mata
Bhuvaneshwari Bagla Sukh Daata
Shri Bhairav Tara Jag Tarini
Chhinn Bhaal Bhav Dukh Nivaarini
Kehari Vaahan Soh Bhavani
Laangur Veer Chalat Agwaani
Kar Mein Khappar Khadag Viraajai
Jaako Dekh Kaal Dar Bhaajai
Sohai Astr Aur Trishoola
Jaate Uthat Shatru Hi Shoola
Nagarkot Mein Tumhi Viraajat
Tihulok Mein Danka Baajat
Shumbh Nishumbh Daanav Tum Maare
Rakt Beej Shankhan Sanhaare
Mahishasur Nrip Ati Abhimaani
Jehi Agh Bhar Mahi Akulaani
Roop Karaal Kalika Dhara
Sen Sahit Tum Tihi Sanhaara
Pari Gaadh Santan Par Jab Jab
Bhai Sahay Matu Tum Tab Tab
Amarpuri Aru Basav Loka
Tab Mahima Sab Rahe Ashoka
Jwala Mein Hai Jyoti Tumhari
Tumhein Sada Poojen Nar Naari
Prem Bhakti Se Jo Yash Gaaven
Dukh Daaridra Nikat Nahin Aaven
Dhyaave Tumhein Jo Nar Man Laai
Janma Maran Taakau Chhuti Jaai
Jogi Sur Muni Kahat Pukaari
Yog Na Ho Bin Shakti Tumhari
Shankar Aachaaraj Tap Kiino
Kaam Aru Krodh Jeeti Sab Lino
Nishidin Dhyaan Dharo Shankar Ko
Kaahu Kaal Nahin Sumiro Tumko
Shakti Roop Ka Maram Na Paayo
Shakti Gai Tab Man Pachhitaayo
Sharanagat Hui Kirti Bakhaani
Jay Jay Jay Jagdamba Bhavani
Bhai Prasann Aadi Jagdamba
Dai Shakti Nahin Keen Vilamba
Moko Matu Kasht Ati Ghero
Tum Bin Kaun Harai Dukh Mero
Aasha Trishna Nipat Sataaven
Moh Madaadik Sab Binashaaven
Shatru Naash Kijai Maharani
Sumirau Ikchit Tumhein Bhavani
Karo Kripa He Matu Dayaala
Riddhi Siddhi Dai Karahu Nihaala
Jab Lagi Jio Daya Phal Paao
Tumharo Yash Main Sada Sunaao
Shri Durga Chalisa Jo Koi Gaavai
Sab Sukh Bhog Parampad Paavai
Devi Das Sharan Nij Jaani
Kahu Kripa Jagdamba Bhavani
Doha
Sharanagat Raksha Kare
Bhakt Rahe Nishank
Main Aaya Teri Sharan Mein
Maatu Lijiye Ank
Iti Shri Durga Chalisa
उम्मीद करते हैं हमारे द्वारा प्रस्तुत की गई Durga Chalisa आपको बहुत पसंद आई होगी ! आशा करते हैं आप इसको सोशल प्लेटफॉर्म यानी WhatsApp, Telegram, Twitter, Facebook आदी पर ज्यादा से ज्यादा शेयर करेंगे!
Disclaimer: यहां सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है | यहां यह बताना जरूरी है कि AdarshBhakti.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है | किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें |
Jai ma durga
Mata Kripa banaye rakhe
Jai Mata di 🙏🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩humpe apni kirpa banaye rakhe🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🙏🚩
Every time I read a new post, I feel like I’ve learned something valuable or gained a new perspective. Thank you for consistently putting out such great content!