आज हम सभी भक्तों के सामने Tulsi Aarti Lyrics (तुलसी आरती लिरिक्स )प्रस्तुत कर रहे हैं | इस आरती में BEST 3+ Benefits of Tulsi Aarti के बारे में बताएंगे, इसके अलावा हम Lyrics उपलब्ध करवाएंगे |
“जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता” से प्रारंभ होते हैं। यह आरती तुलसी माता की महिमा, गुण, और उनके भक्तों की प्रार्थना को व्यक्त करती है। इसके शब्दों में उनकी उपासना, प्रेम, और आदर्शों की महत्वपूर्णता प्रकट होती है, जो एक सामान्य व्यक्ति के जीवन को अद्वितीय बनाते हैं। तुलसी आरती के गाने से भक्तों का मन उनके आदर्शों की ओर प्रवृत्त होता है और उन्हें आध्यात्मिकता की ओर एक कदम और बढ़ने का प्रेरणा मिलता है।
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Tulsi Aarti भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण पूजा आदर्श है, जो हिन्दू धर्म में तुलसी माता की महत्वपूर्ण भूमिका को प्रकट करती है। तुलसी, जिनका वैज्ञानिक नाम Ocimum tenuiflorum है, हिन्दू धर्म में पूजनीय मानी जाती है और इसके पौधों की पूजा की जाती है। तुलसी की आरती उनके भक्तों द्वारा प्रतिदिन आराधना की जाती है।
Tulsi Aarti में तुलसी माता की महिमा, गुण, और उनके भक्तों की प्रार्थना का वर्णन किया गया है। इस आरती में भक्त तुलसी माता से उनके दिव्य आशीर्वाद की प्राप्ति की प्रार्थना करते हैं और उनके पावन प्रेम का उपकार करने की कामना करते हैं। तुलसी आरती के गाने से भक्तों का मन शांति और प्रसन्नता से भर जाता है और उन्हें आध्यात्मिक संवाद का अनुभव होता है।
इस पारंपरिक आरती के माध्यम से, भक्त तुलसी माता के साक्षात्कार का अनुभव करते हैं और उनके दिव्य संदेश को अपने जीवन में अंकित करने का प्रयास करते हैं। तुलसी आरती के इस पवित्र गाने के माध्यम से भक्त अपनी आध्यात्मिक उत्कृष्टता की ओर एक कदम और बढ़ाते हैं और उनके आत्मा को शांति और सुख की प्राप्ति होती है।
तुलसी आरती लिरिक्स हिंदी – Tulsi Aarti Lyrics in Hindi
जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता ।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता।।
मैय्या जय तुलसी माता।।
सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर।
रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या।
विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे, सो नर तर जाता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वंदित।
पतित जनों की तारिणी, तुम हो विख्याता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में।
मानव लोक तुम्हीं से, सुख-संपति पाता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
हरि को तुम अति प्यारी, श्याम वर्ण सुकुमारी।
प्रेम अजब है उनका, तुमसे कैसा नाता।
हमारी विपद हरो तुम, कृपा करो माता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता॥
मैय्या जय तुलसी माता।।
Tulsi Aarti Lyrics in English
Jai Jai Tulsi Mata, Maiyya Jai Tulsi Mata|
Sab jag ki sukh daata, sabki var Mata||
Maiyya Jai Tulsi Mata||
Sab yogon se upar, sab rogon se upar|
Raj se raksh karke, sabki bhav traata|
Maiyya Jai Tulsi Mata||
Batu putri hai Shyama, soor balli hai graamya|
Vishnupriya jo nar tumko seve, so nar tar jaata|
Maiyya Jai Tulsi Mata||
Hari ke sheesh virajat, tribhuvan se ho vandit|
Patit jano ki taarini, tum ho vikhyata|
Maiyya Jai Tulsi Mata||
Lekar janm vijan mein, aayi divya bhavan mein|
Manav lok tumhi se, sukh-sampati paata|
Maiyya Jai Tulsi Mata||
Hari ko tum ati pyaari, Shyam varn sukumari|
Prem ajab hai unka, tumse kaisa naata|
Hamari vipad haro tum, kripa karo Maata|
Maiyya Jai Tulsi Mata||
Jai Jai Tulsi Mata, Maiyya Jai Tulsi Mata|
Sab jag ki sukh daata, sabki var Mata||
Maiyya Jai Tulsi Mata||
तुलसी आरती करने के फायदे
1. आध्यात्मिक फायदे:
- शांति और आत्मिक संवाद: तुलसी की आरती करने से मन शांति प्राप्त करता है और आत्मिक संवाद का अनुभव होता है.
- भक्ति और आदर: आरती करने से आप तुलसी माता के प्रति अपनी भक्ति और आदर को व्यक्त करते हैं.
- सकारात्मक ऊर्जा: आरती के दौरान गाने और आरती करने से सकारात्मक ऊर्जा महसूस होती है और मानसिकता में सकारात्मक परिवर्तन होता है.
2. शारीरिक फायदे:
- वातरोग की रक्षा: तुलसी का सेवन वातरोगों की रक्षा में मदद कर सकता है और शरीर के दर्द और सूजन को कम कर सकता है.
- अच्छी सेहत: तुलसी की आरती करने से संगीत गाने के कारण श्वासनली का प्रशिक्षण होता है जिससे फेफड़ों की सेहत में सुधार होता है.
- मानसिक स्वास्थ्य: आरती के दौरान मन को शांति मिलती है और तनाव कम होता है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है.
3. आयुर्वेदिक फायदे:
- शरीर में ऊर्जा की बढ़त: तुलसी की आरती करने से शरीर में ऊर्जा की बढ़त होती है और स्थायिता के लिए मदद करती है.
- मुख्य तंत्रिका तंतु का संतुलन: तुलसी का सेवन तंत्रिका तंतु का संतुलन बनाए रखने में मदद कर सकता है और शरीर के लिए उपयुक्त रसायनिक संतुलन बनाने में सहायक हो सकता है.
4. शुभ परिणाम: तुलसी की आरती करने से आपके जीवन में शुभ परिणाम हो सकते हैं, क्योंकि आप भक्ति और समर्पण की भावना से भरे जाते हैं और तुलसी माता के आशीर्वाद से आपके जीवन में सफलता आ सकती है।
FAQ (Frequently Asked Question)
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तुलसी को जल चढ़ाते समय क्या बोलना चाहिए?
तुलसी मां को जल चढ़ाते समय 11 या 21 बार “ओम-ओम” मंत्र का जाप करना चाहिए। तुलसी के पत्ते तोड़ते समय ॐ सुभद्राय नमः, मातास्तुलसि गोविंद हृदयानंद कारिणी, नारायणसिया पूजार्थं चिनोमि त्वां नमोस्तुते।
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तुलसी जी का मंत्र क्या है?
महाप्रसाद जननी सर्व सवभाग्यवर्दिनी, आदि व्यादि हर नितिम तुलसी त्वं नमोस्ते। तुलसी के पत्तों और पौधों को छूते समय इस मंत्र का नियमित जाप करना चाहिए।
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तुलसी माता कौन है?
माता तुलसी भगवान विष्णु की बहुत बड़ी भक्त हैं। दुनिया भर में भक्त अपने घरों में लगाए गए और तुलसी की मालाओं से सजाए गए एक पवित्र पौधे के रूप में माता तुलसी का सम्मान करते हैं।
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तुलसी में कौन सा दीपक जलाना चाहिए?
आप मां लक्ष्मी के साथ तुलसी के पास आटे का दीपक जलाकर भी मां अन्नपूर्णा का आशीर्वाद पा सकते हैं। अगले दिन यह दीपक गाय को खिला दें। यह उपचार आशाजनक परिणाम लाता है और दूध पिलाने वाली गाय के लिए वरदान भी है। तुलसी जी के सामने घी का दीपक जलाने से पहले दीपक को थोड़े से अक्षत से जला लें।
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तुलसी को कितनी बार पानी देना चाहिए?
यदि पौधा 5-8 घंटे तक धूप में रहता है, तो उसे हर दिन पानी दिया जा सकता है, क्योंकि 5-8 घंटे तक लगातार धूप में रहने से मिट्टी सूख जाएगी। यदि आप पौधे को केवल 3-4 घंटे के लिए धूप में छोड़ देते हैं, तो इसे हर दिन पानी देने की आवश्यकता नहीं है।
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Disclaimer: यहां सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है | यहां यह बताना जरूरी है कि AdarshBhakti.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है | किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें |
Jai Tulsi maa ….
Jai Mata aambe.. Mata tulsi ki arti karne ke baad maan pura pavitra ho chuka hai …jab bhi is ka paath karna hoon aacha lagta hai thanks for your amazing guidelines….
Jai tulsi mata 💜🙏