गणेश चालीसा – Ganesh Chalisa

आज हम सभी भक्तों के सामने गणेश चालीसा प्रस्तुत कर रहे हैं | इस चालीसा में 5 BEST Benefits of Ganesh Chalisa के बारे में बताएंगे, इसके अलावा हम Lyrics उपलब्ध करवाएंगे |

Ganesh Chalisa एक हिंदू धार्मिक प्रार्थना है जो भगवान गणेश की महिमा और आशीर्वाद की प्रशंसा करने के लिए गाई जाती है। यह एक चालीसा है, जिसमें चालीस स्तोत्रों का संग्रह होता है जो भगवान गणेश की महत्वपूर्ण गुणों, शक्तियों और कार्यों का वर्णन करते हैं।

Ganesh Chalisa
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Ganesh Chalisa का पाठ या जप करके व्यक्ति भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहता है,जिससे उसके जीवन में सफलता, सुख और समृद्धि आ सके। इसके साथ ही गणेश चालीसा पढ़ने से व्यक्ति को मानसिक शांति, जिम्मेदारी का एहसास और आदर्श जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है।

Ganesh Chalisa – गणेश चालीसा in Hindi

|| दोहा ||

जय गणपति सदगुण सदन,
कविवर बदन कृपाल ।

विघ्न हरण मंगल करण,
जय जय गिरिजालाल ॥

चौपाई

जय जय जय गणपति गणराजू ।
मंगल भरण करण शुभः काजू ॥

जै गजबदन सदन सुखदाता ।
विश्व विनायका बुद्धि विधाता ॥

वक्र तुण्ड शुची शुण्ड सुहावना ।
तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन ॥

राजत मणि मुक्तन उर माला ।
स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला ॥

पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं ।
मोदक भोग सुगन्धित फूलं ॥

सुन्दर पीताम्बर तन साजित ।
चरण पादुका मुनि मन राजित ॥

धनि शिव सुवन षडानन भ्राता ।
गौरी लालन विश्व-विख्याता ॥

ऋद्धि-सिद्धि तव चंवर सुधारे ।
मुषक वाहन सोहत द्वारे ॥

कहौ जन्म शुभ कथा तुम्हारी ।
अति शुची पावन मंगलकारी ॥

एक समय गिरिराज कुमारी ।
पुत्र हेतु तप कीन्हा भारी ॥

भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूपा ।
तब पहुंच्यो तुम धरी द्विज रूपा ॥

अतिथि जानी के गौरी सुखारी ।
बहुविधि सेवा करी तुम्हारी ॥

अति प्रसन्न हवै तुम वर दीन्हा ।
मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा ॥

मिलहि पुत्र तुहि, बुद्धि विशाला ।
बिना गर्भ धारण यहि काला ॥

गणनायक गुण ज्ञान निधाना ।
पूजित प्रथम रूप भगवाना ॥

अस कही अन्तर्धान रूप हवै ।
पालना पर बालक स्वरूप हवै ॥

बनि शिशु रुदन जबहिं तुम ठाना ।
लखि मुख सुख नहिं गौरी समाना ॥

सकल मगन, सुखमंगल गावहिं ।
नाभ ते सुरन, सुमन वर्षावहिं ॥

शम्भु, उमा, बहुदान लुटावहिं ।
सुर मुनिजन, सुत देखन आवहिं ॥

लखि अति आनन्द मंगल साजा ।
देखन भी आये शनि राजा ॥

निज अवगुण गुनि शनि मन माहीं ।
बालक, देखन चाहत नाहीं ॥

गिरिजा कछु मन भेद बढायो ।
उत्सव मोर, न शनि तुही भायो ॥

कहत लगे शनि, मन सकुचाई ।
का करिहौ, शिशु मोहि दिखाई ॥

नहिं विश्वास, उमा उर भयऊ ।
शनि सों बालक देखन कहयऊ ॥

पदतहिं शनि दृग कोण प्रकाशा ।
बालक सिर उड़ि गयो अकाशा ॥

गिरिजा गिरी विकल हवै धरणी ।
सो दुःख दशा गयो नहीं वरणी ॥

हाहाकार मच्यौ कैलाशा ।
शनि कीन्हों लखि सुत को नाशा ॥

तुरत गरुड़ चढ़ि विष्णु सिधायो ।
काटी चक्र सो गज सिर लाये ॥

बालक के धड़ ऊपर धारयो ।
प्राण मन्त्र पढ़ि शंकर डारयो ॥

नाम गणेश शम्भु तब कीन्हे ।
प्रथम पूज्य बुद्धि निधि, वर दीन्हे ॥

बुद्धि परीक्षा जब शिव कीन्हा ।
पृथ्वी कर प्रदक्षिणा लीन्हा ॥

चले षडानन, भरमि भुलाई ।
रचे बैठ तुम बुद्धि उपाई ॥

चरण मातु-पितु के धर लीन्हें ।
तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हें ॥

धनि गणेश कही शिव हिये हरषे ।
नभ ते सुरन सुमन बहु बरसे ॥

तुम्हरी महिमा बुद्धि बड़ाई ।
शेष सहसमुख सके न गाई ॥

मैं मतिहीन मलीन दुखारी ।
करहूं कौन विधि विनय तुम्हारी ॥

भजत रामसुन्दर प्रभुदासा ।
जग प्रयाग, ककरा, दुर्वासा ॥

अब प्रभु दया दीना पर कीजै ।
अपनी शक्ति भक्ति कुछ दीजै ॥

॥ दोहा ॥

श्री गणेश यह चालीसा,
पाठ करै कर ध्यान ।
नित नव मंगल गृह बसै,
लहे जगत सन्मान ॥

सम्बन्ध अपने सहस्त्र दश,
ऋषि पंचमी दिनेश ।
पूरण चालीसा भयो,
मंगल मूर्ती गणेश ॥

Ganesh Chalisa – गणेश चालीसा in English

|| Doha ||

Jai Ganpati Sadgun Sadan
Kavi var badan kripaal

Vighn haran mangal karan
Jai Jai Girijaalaal

|| Chaupai ||

Jai Jai Jai Ganpati Ganaraajoo
Mangal bharan karan shubh kaajoo

Jai Gajabdan sadan sukhdata
Vishwa Vinaayaka buddhi vidhaata

Vakratund shuchi shundh suhaavanaa
Tilak tripund bhaal man bhaavanaa

Raajat mani muktan ur maalaa
Swarn mukut shir nayan vishaalaa

Pustak paani kuthaar trishoolam
Modak bhog sugandhit phoolam

Sundar peetaambar tan saajit
Charan paaduka muni man raajit

Dhani Shiv suvan shadanan bhrataa
Gauri laalan vishwa-vikhyataa

Riddhi-siddhi tav chanvar sudhaare
Mushak vaahan sohat dvaare

Kahau janam shubh kathaa tumhaari
Ati shuchi paavan mangalakaari

Ek samay Giriraj kumaari
Putr hetu tap kiya bhaari

Bhayo yajn jab pooran anoopa
Tab pahunchyo tum dhari dvij roopa

Atithi jaani ke Gauri sukhaari
Bahuvadhi sewa kari tumhaari

Ati prasann havai tum var deenha
Maatu putr hit jo tap kiinha

Milahi putr tuhi buddhi vishaalaa
Bina garbh dharaṇ yahi kaalaa

Gananaayak gun gyaan nidhaana
Poojit pratham roop bhagwaana

As kahi antardhaan roop havai
Paalana par baalak swaroop havai

Bani shishu rudan jabahin tum thana
Lakhi mukh sukh nahi Gauri samaana

Sakal magan sukh-mangal gaavahi
Naabh te suran suman varshaavahi

Shambhu, Uma bahudan lutaavahi
Sur munijan sut dekhan aavahi

Lakhi ati aanand mangal saaja
Dekhan bhi aaye Shani raaja

Nij avagun gun Shani man maahi
Baalaḳ dekhan chaaḥat naahi

Girija kachu man bhed badhaayo
Utsav mor na Shani tuhi bhaayo

Kahat lage Shani man sakuchaai
Ka karihau shishu mohi dikhaai

Nahi vishwaas Uma ur bhayau
Shani son baalak dekhan kahayau

Padatahin Shani drig kon prakaashaa
Baalaḳ sir uḍi gayo akaashaa

Girija giri vikal havai dharni
So dukh dasha gayo nahi varṇi

Haahaakaar machyau Kailaashaa
Shani kiya Lakhī suta ko naashaa

Turat Garuḍ chadhi Vishnu sidhaayo
Kaṭi chakra so gaj sir laayo

Baalaḳ ke dhḍ uṛi Vishnu sidaayo
Praan mantra padhi Shankar ḍaaraayo

Naam Ganesh Shambhu tab kiinhaa
Pratham poojy buddhi nidhi var deenhaa

Buddhi pareekṣha jab Shiv kiinhaa
Prithvi kar pradakshinaa leenhaa

Charan maatu-pitu ke dhar leenhein
Tinke saath pradakshin kiinhein

Dhani Ganesh kahi Shiv hiye harshae
Nabh te suran suman bahu varṣae

Tumhari mahimaa buddhi badaai
Shesha sahasamukh sake na gaai

Main matiheen maleen dukhaari
Karahu kaunu vidhi vinay tumhaari

Bhajat Raam Sundar Prabhu daasaa
Jag Prayaag, Kakara, Durvaasaa

Ab Prabhu dayaa deenaa par keejai
Apni shakti bhakti kuch deejai

|| Doha ||

Shri Ganesh yeh Chalisa
Paath karai kar dhyaan

Nitya nav mangal grih basai
Lahe jagat sanmaan

Sambandh apne sahastra dash
Rishi panchami dineesh

Pooran Chalisa bhayo
Mangal moorti Ganesh

Best 5 Benefits OF Ganesh Chalisa

  1. गणेश चालीसा का पाठ करने से आध्यात्मिक विकास होता है और व्यक्ति को अपने मार्ग में कठिनाइयां नहीं देखनी पड़ती क्योंकि भगवान गणेश स्वयं उसकी रक्षा करते हैं और गणेश चालीसा का पाठ करने से आप पर गणेश जी की कृपा बनी रहेगी|
  2. गणेश चालीसा का पाठ करने से आपके घर पर शांति बने रहेगी और किसी भी परेशानी का सामना आपको नहीं करना पड़ेगा|
  3. इस चालीसा का पाठ करने से आपको परेशानी से मुक्ति मिलेगी और आपके कार्यों में कोई भी बड़ा और अर्जुन नहीं आएगी भगवान गणेश विघ्नहर्ता है|
  4. भगवान गणेश बुद्धि की भी देवता है उनकी चालीसा का पाठ करने से वह आपको अच्छी बुद्धि प्रदान करेंगे| उनकी कृपा से व्यक्ति को बुद्धिमत्ता में वृद्धि हो सकती है।
  5. भगवान गणेश चालीसा का पाठ करने से आपको रोगों से भी मुक्ति मिल सकती है भगवान स्वयं आपकी रक्षा करेंगे और आपको रोगों से मुक्त करेंगे|

भगवान गणेश शंकर भगवान के पुत्र हैं और गणेश भगवान बुद्धि के स्वामी है और वह बहुत बड़े ज्ञानी है और आप उनकी चालीसा का और उनका रोज पूजन करेंगे तो वह आपके कार्यों में आपकी सहायता अवश्य करेंगे|

उम्मीद करते हैं हमारे द्वारा प्रस्तुत की गई Ganesh Chalisa आपको बहुत पसंद आई होगी ! आशा करते हैं आप इसको सोशल प्लेटफॉर्म यानी WhatsApp, Telegram, Twitter, Facebook आदी पर ज्यादा से ज्यादा शेयर करेंगे!

Disclaimerयहां सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है | यहां यह बताना जरूरी है कि AdarshBhakti.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है | किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें |

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