राम चालीसा – Ram Chalisa

आज हम सभी भक्तों के सामने राम चालीसा प्रस्तुत कर रहे हैं | इस चालीसा में 7 BEST Benefits of Ram Chalisa के बारे में बताएंगे, इसके अलावा हम Lyrics उपलब्ध करवाएंगे |

Ram Chalisa का पाठ करने से पहले, हम आपको रामजी के बारे में थोड़ी विस्तृत जानकारी देना चाहते हैं। रामचंद्र जी, जिन्हें रामजी के नाम से भी जाना जाता है, विष्णु भगवान के सातवें अवतार माने जाते हैं। उनके जीवन के संदेश और सरलता ने हमें आत्मा की शुद्धि की ओर प्रेरित किया है। रामजी ने कैसे अपने माता-पिता की आज्ञा का पालन करते हुए अपने जीवन की महत्वपूर्ण प्रेरणाएं दीं, यह विस्तृतता से जानकारी आपको देना चाहते हैं।

Ram Chalisa
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Ram Chalisa का पाठ करने से हमें भगवान राम जी की कृपा प्राप्त होती है और भगवान राम जी अपने भक्तों को अपने जैसा बना देते हैं भगवान राम जी एक बहुत मर्यादा उत्तम पुरुष थे और वह अपने माता-पिता के कहने पर वनवास चले गए थे और अगर हम राम चालीसा का पाठ करते हैं तो हमारे अंदर भी राम जी जैसे गुण आते हैं|

राम चालीसा पाठ से हम समाज में ऊंचा पद प्राप्त कर सकते हैं और भगवान का रूप बहुत प्यार है राम जी का स्वरूप इतना प्यार है कि हर भगत उनको देखकर सब कुछ भूल बैठता है और भगवान राम जी न्याय और धर्म के देवता है

भगवान राम चालीसा का पाठ करने से हमें अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है क्योंकि हम राम चालीसा का पाठ करते हैं तो हम भगवान राम जी के स्वरूप को अपने मन में बसा लेते हैं और भगवान राम जी ने सारे शत्रुओं को प्रेम से मारा था और हम भी अपने मन को शांत करके अपने कर्म में ध्यान देकर और सच्चे मन से जब भगवान श्री राम का ध्यान करेंगे तो शत्रु अपना ही मिट जाएंगे|

इस प्रकार भगवान राम जी की चालीसा के पाठ से हमें अनेक प्रकार से लाभ मिलता है और हम अपने जीवन को एक अच्छी दिशा और धार्मिक दिशा की ओर भेज सकते हैं और साथ ही साथ हमारे अंदर भगवान राम जी की ऊर्जा सदैव बनी रहेगी और इस चालीसा में इतनी शक्ति है कि इसके रोजाना पाठ से आपको राम जी की सिद्धि प्राप्त हो सकती है|

Ram Chalisa – राम चालीसा in Hindi

॥ दोहा ॥

आदौ राम तपोवनादि गमनं हत्वाह् मृगा काञ्चनं
वैदेही हरणं जटायु मरणं सुग्रीव संभाषणं

बाली निर्दलं समुद्र तरणं लङ्कापुरी दाहनम्
पश्चद्रावनं कुम्भकर्णं हननं एतद्धि रामायणं

॥ चौपाई ॥

श्री रघुबीर भक्त हितकारी ।
सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी ॥

निशि दिन ध्यान धरै जो कोई ।
ता सम भक्त और नहिं होई ॥

ध्यान धरे शिवजी मन माहीं ।
ब्रह्मा इन्द्र पार नहिं पाहीं ॥

जय जय जय रघुनाथ कृपाला ।
सदा करो सन्तन प्रतिपाला ॥

दूत तुम्हार वीर हनुमाना
जासु प्रभाव तिहूँ पुर जाना ॥

तुव भुजदण्ड प्रचण्ड कृपाला ।
रावण मारि सुरन प्रतिपाला ॥

तुम अनाथ के नाथ गोसाईं ।
दीनन के हो सदा सहाई ॥

ब्रह्मादिक तव पार न पावैं ।
सदा ईश तुम्हरो यश गावैं ॥

चारिउ वेद भरत हैं साखी ।
तुम भक्तन की लज्जा राखी ॥

गुण गावत शारद मन माहीं ।
सुरपति ताको पार न पाहीं ॥ 10 ॥

नाम तुम्हार लेत जो कोई ।
ता सम धन्य और नहिं होई ॥

राम नाम है अपरम्पारा ।
चारिहु वेदन जाहि पुकारा ॥

गणपति नाम तुम्हारो लीन्हों ।
तिनको प्रथम पूज्य तुम कीन्हों ॥

शेष रटत नित नाम तुम्हारा ।
महि को भार शीश पर धारा ॥

फूल समान रहत सो भारा ।
पावत कोउ न तुम्हरो पारा ॥

भरत नाम तुम्हरो उर धारो ।
तासों कबहुँ न रण में हारो ॥

नाम शत्रुहन हृदय प्रकाशा ।
सुमिरत होत शत्रु कर नाशा ॥

लषन तुम्हारे आज्ञाकारी ।
सदा करत सन्तन रखवारी ॥

ताते रण जीते नहिं कोई ।
युद्ध जुरे यमहूँ किन होई ॥

महा लक्ष्मी धर अवतारा ।
सब विधि करत पाप को छारा ॥ 20 ॥

सीता राम पुनीता गायो ।
भुवनेश्वरी प्रभाव दिखायो ॥

घट सों प्रकट भई सो आई ।
जाको देखत चन्द्र लजाई ॥

सो तुमरे नित पांव पलोटत ।
नवो निद्धि चरणन में लोटत ॥

सिद्धि अठारह मंगल कारी ।
सो तुम पर जावै बलिहारी ॥

औरहु जो अनेक प्रभुताई ।
सो सीतापति तुमहिं बनाई ॥

इच्छा ते कोटिन संसारा ।
रचत न लागत पल की बारा ॥

जो तुम्हरे चरनन चित लावै ।
ताको मुक्ति अवसि हो जावै ॥

सुनहु राम तुम तात हमारे ।
तुमहिं भरत कुल- पूज्य प्रचारे ॥

तुमहिं देव कुल देव हमारे ।
तुम गुरु देव प्राण के प्यारे ॥

जो कुछ हो सो तुमहीं राजा ।
जय जय जय प्रभु राखो लाजा ॥ 30 ॥

रामा आत्मा पोषण हारे ।
जय जय जय दशरथ के प्यारे ॥

जय जय जय प्रभु ज्योति स्वरूपा ।
निगुण ब्रह्म अखण्ड अनूपा ॥

सत्य सत्य जय सत्य- ब्रत स्वामी ।
सत्य सनातन अन्तर्यामी ॥

सत्य भजन तुम्हरो जो गावै ।
सो निश्चय चारों फल पावै ॥

सत्य शपथ गौरीपति कीन्हीं ।
तुमने भक्तहिं सब सिद्धि दीन्हीं ॥

ज्ञान हृदय दो ज्ञान स्वरूपा ।
नमो नमो जय जापति भूपा ॥

धन्य धन्य तुम धन्य प्रतापा ।
नाम तुम्हार हरत संतापा ॥

सत्य शुद्ध देवन मुख गाया ।
बजी दुन्दुभी शंख बजाया ॥

सत्य सत्य तुम सत्य सनातन ।
तुमहीं हो हमरे तन मन धन ॥

याको पाठ करे जो कोई ।
ज्ञान प्रकट ताके उर होई ॥ 40 ॥

आवागमन मिटै तिहि केरा ।
सत्य वचन माने शिव मेरा ॥

और आस मन में जो ल्यावै ।
तुलसी दल अरु फूल चढ़ावै ॥

साग पत्र सो भोग लगावै ।
सो नर सकल सिद्धता पावै ॥

अन्त समय रघुबर पुर जाई ।
जहाँ जन्म हरि भक्त कहाई ॥

श्री हरि दास कहै अरु गावै ।
सो वैकुण्ठ धाम को पावै ॥

॥ दोहा ॥

सात दिवस जो नेम कर पाठ करे चित लाय ।
हरिदास हरिकृपा से अवसि भक्ति को पाय ॥

राम चालीसा जो पढ़े रामचरण चित लाय ।
जो इच्छा मन में करै सकल सिद्ध हो जाय ॥

Ram Chalisa – राम चालीसा in English

Doha

Aadau Ram tapovanadi gamanam
Hatvah mruga kaanchanam Vaidhehi haranam
Jatayu maranam Sugreev sambhashanam
Baali nirdalam samudra taranam
Lanka puri dahanam Pashchad Ravanam
Kumbhakarna hananam Etad hi Ramayanam

Chaupai

Shri Raghubir bhakt hitkaari
Suni leeje Prabhu araj hamaari

Nishi din dhyan dhare jo koi
Ta sam bhakt aur nahin hoi

Dhyan dhare Shivji man maahi
Brahma Indra paar nahin paahi

Jay Jay Jay Raghunath kripala
Sada karo santan pratipala

Doot tumhar veer Hanumana
Jaasu prabhav tihu pur jaana

Tuv bhujdand prachand kripala
Ravan mari suran pratipala

Tum anaath ke naath Gosaai
Deenan ke ho sada sahaai

Brahmaadik tav paar na paavai
Sada ish tumhro yash gaavai

Chaari Veda Bharat hain saakhi
Tum bhaktan ki lajja raakhi

Gun gaavat Sharad man maahi
Surpati taako paar na paahi

Naam tumhar let jo koi
Ta sam dhany aur nahin hoi

Ram naam hai aparaapara
Chaarihu vedan jaahi pukaara

Ganapati naam tumharo leenho
Tinako pratham poojy tum keenho

Shesh ratat nit naam tumhara
Mahi ko bhaar sheesh par dhaara

Phool samaan rahat so bhaara
Paavat koi na tumharo paara

Bharat naam tumharo ur dhhaaro
Taason kabahun na ran mein haaro

Naam shatrughan hridaya prakaasha
Sumirat hot shatru kar naasha

Lashan tumhare aagnyakaari
Sada karat santan rakhavaari

Taate ran jeete nahin koi
Yudh jure Yamahoon kin hoi

Maha Lakshmi dhar avataara
Sab vidhi karat paap ko chaara

Sita Ram puneeta gaayo
Bhuvaneshwari prabhaav dikhaayo

Ghat so prakat bhai so aayi
Jaako dekhat chandra lajaayi

So tumhare nit paav palotaat
Navo niddhi charanan mein lotaat

Siddhi atharah mangal kaari
So tum par jaavai balihaari

Aurahu jo anek prabhutaai
So Sitapati tumahin banaai

Ichha te kotin sansaara
Rachat na laagat pal ki baara

Jo tumhare charanan chit laavai
Taako mukti avasi ho jaavai

Sunahu Ram tum taat hamaare
Tumhin Bharat kul-poojy prachaare

Tumhin Dev kul Dev hamaare
Tum guru Dev praan ke pyaare

Jo kuch ho so tumhiin raaja
Jay Jay Jay Prabhu rakho laaja

Raama aatma poshan haare
Jay Jay Jay Dasharath ke pyaare

Jay Jay Jay Prabhu jyoti swaroopa
Nigun Brahma akhand anoopa

Satya Satya Jay Satya-brata swami
Satya sanaatan antaryaami

Satya bhajan tumharo jo gaavai
So nishchay chaaron phal paavai

Satya shapath Gauri-pati keenee
Tumne bhaktahin sab siddhi deenee

Gyaan hriday do gyaan swaroopa
Namo Namo Jay Jaapati bhoopa

Dhany dhany tum dhany prataapa
Naam tumhaara harat santaapa

Satya shuddh devan mukh gaaya
Bajee Dundubhi shankh bajaaya

Satya Satya tum Satya sanaatan
Tumhi ho hamare tan man dhan

Yaako paath kare jo koi
Gyaan prakat taake ur hoee

Aavaagaman mitai tihi kera
Satya vachan maane Shiva mera

Aur aas man mein jo lyavaai
Tulsi dal aru phool chadaavai

Saag patra so bhog lagaavai
So nar sakal siddhata paavai

Ant samay Raghubar pur jaai
Jahaan janma Hari bhakt kahaai

Shri Hari Daas kahe aru gaavai
So Vaikunth dhaam ko paavai

Doha

Sat din jo nem kar paath kare chit laai
Haridaas Harikripa se avasi bhakti ko paai

Ram Chaalisa jo padhe Ramcharan chit laai
Jo ichha man mein karai sakal siddh ho jaai

7 BEST Benefits of Ram Chalisa

  1. राम चालीसा का पाठ करने से आपके मन को शांति मिलती है और आप जो भी कार्य करते हैं वह सही समझ के साथ करते हैं और राम जी का आशीर्वाद आपके साथ सदैव बना रहता है|
  2. राम चालीसा का पाठ करने से आपके मन में भगवान श्री राम के लिए और अन्य देवी देवताओं के लिए भी भक्ति बढ़ेगी और आपके मन में श्री राम के प्रति विश्वास और समर्पण की भावना और मजबूत होगी|
  3. भगवान श्री राम चालीसा का वर्णन एक पौराणिक कथा से किया जाता है जिसका पाठ करने से आपके मन में भगवान श्री राम के जीवन कथा का रोज गुणगान होगा जिससे आप भगवान श्री राम के जैसे बनने की कोशिश करोगे|
  4. राम चालीसा का पाठ करने से आप अपने अंदर की आत्मा और ईश्वर को जान सकेंगे जिससे कि आप भगवान की प्राप्ति जल्द कर सकते हैं|
  5. भगवान राम चालीसा के पाठ से आपके भीतर का ज्ञान बढ़ता है और आप के सारे कार्य भगवान राम की कृपा से सफल होते हैं और आप अपने सारे कार्य अच्छे ढंग से कर सकते हैं और भगवान की कृपा आपके सदैव बने रहेगी|
  6. राम जी का ऐसा नाम है जिसमें कहते हैं कि सारे मंत्र एक साथ विराजमान होते हैं और भगवान राम जी की चालीसा का पाठ करने से आपके सारे कार्य अच्छे ढंग से होंगे और आपको फल की चिंता करने की जरूरत नहीं है आपके कर्मों के हिसाब से आपको भगवान राम स्वयं अच्छे फल प्रदान करेंगे|
  7. राम चालीसा का पाठ करने से आपके सारे दुख दूर हो जाते हैं आपके जीवन में खुशियां भर जाती है क्योंकि भगवान राम जी दयालु है वह सब भक्तों पर दया करते हैं वह सब भक्तों के मन का भाव देखकर उनसे जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं|

भगवान राम श्री विष्णु के अवतार माने जाते हैं और भगवान राम बहुत शक्तिशाली भगवान है और भगवान राम जी चालीसा का पाठ करने से आपके सारे कार्यों में सफलता मिलेगी और भगवान राम ऐसे भगवान है जो सभी भक्तों से जल्द प्रसन्न हो जाते हैं इसलिए आप सब लोग रोजाना भगवान राम चालीसा का पाठ करें और भगवान राम जी आपसे जल्द अवश्य प्रसन्न होंगे जय श्री राम

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Disclaimerयहां सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है | यहां यह बताना जरूरी है कि AdarshBhakti.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है | किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें |

4 thoughts on “राम चालीसा – Ram Chalisa”

  1. This site are very amazing it give Ram chalisa and provide YouTube vedio. Jai shree Ram Jai Hanuman …..🚩🌏This world is of Ram…
    Ram Rajya…🌏

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  2. ना चलाओ बाण,
    व्यंग के ऐ विभिषण,
    ताना ना सह पाऊं,
    क्यूँ तोड़ी है ये माला,
    तुझे ए लंकापति बतलाऊं,
    मुझमें भी है तुझमें भी है,
    सब में है समझाऊँ,
    ऐ लंकापति विभीषण, ले देख,
    मैं तुझको आज दिखाऊं।।

    श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में,
    देख लो मेरे दिल के नगीने में।।

    मुझको कीर्ति ना वैभव ना यश चाहिए,
    राम के नाम का मुझ को रस चाहिए,
    सुख मिले ऐसे अमृत को पीने में,
    श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में।।

    अनमोल कोई भी चीज,
    मेरे काम की नहीं,
    दिखती अगर उसमे छवि,
    सिया राम की नहीं ॥

    राम रसिया हूँ मैं, राम सुमिरण करूँ,
    सिया राम का सदा ही मै चिंतन करूँ,
    सच्चा आनंद है ऐसे जीने में,
    श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में ॥

    फाड़ सीना हैं, सब को ये दिखला दिया,
    भक्ति में मस्ती है, सबको बतला दिया,
    कोई मस्ती ना, सागर को मीने में,
    श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में ॥

    श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने मे,
    देख लो मेरे दिल के नगीने में ॥

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