Shani Chalisa in Hindi – शनि चालीसा के 7 फायदे 2023

आज हम सभी भक्तों के सामने शनि चालीसा प्रस्तुत कर रहे हैं | इस चालीसा में BEST 7 Benefits of Shani Chalisa के बारे में बताएंगे, इसके अलावा हम Lyrics उपलब्ध करवाएंगे |

Shani Chalisa का इतिहास हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण है और यह भगवान शनि की महिमा और कृपा को व्यक्त करने वाला एक प्रमुख पूजा पाठ है। यह चालीसा भगवान शनि की उपासना के लिए प्राचीन समय से ही प्रचलित है और उसके पूर्व से ही लोगों द्वारा प्रार्थना और आराधना के लिए प्रयोग की जाती रही है।

Shani Chalisa
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Shani Chalisa के विषय में एक बहुत ऐतिहासिक कथा जुड़ी हुई है यह कथा राजा दशरथ से जुड़ी हुई है राजा दशरथ जी के दरबार में बहुत साल पहले एक संत आए थे उसने दशरथ जी को बताया शनि जी की कृपा कैसे प्राप्त कर सकते हैं बताया कि आप शनि चालीसा का रोजाना पाठ करें तो इससे आपको शनि भगवान अपने असीम कृपा प्रदान करेंगे और आपके सारे कार्य सफल करेंगे तो राजा दशरथ ने भी यही करा तो उनके राज्य में हमेशा खुशहाली बनी रही|

इस प्रकार, शनि चालीसा का इतिहास देवी-देवताओं की आराधना और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम के रूप में बना रहा है। यह चालीसा आज भी लोगों द्वारा भक्ति और श्रद्धा के साथ पाठ की जाती है और उन्हें आत्मा की शांति, शुभकामनाएँ और उत्तराधिकारी जीवन की प्राप्ति होती है।

Shani Chalisa पढ़ने के 7 फायदे

  1. जो भगवान शनि चालीसा का पाठ करता है उस पर भगवान अपनी दृष्टि नहीं डालते और उसके सारे कामों में उसकी सहायता करते हैं और उसको कष्ट और बुरी नजरों से दूर रखते हैं|
  2. कहा जाता है कि शनि भगवान की दृष्टि जिस व्यक्ति पर पड़ती है| वह व्यक्ति बहुत पीड़ित हो जाता है अगर आप रोजाना शनि चालीसा का पाठ कर रहे हैं तो शनि भगवान व्यक्ति पर दृष्टि नहीं बनाते और आपके सारे कार्य में आपकी सहायता करते हैं|
  3. शनि चालीसा का पाठ करने से आपको भय से मुक्ति मिलती है और आप सारे काम अपने सही दिमाग से करते हैं और आप जो भी कार्य करते हैं आपको उसमें सफलता अवश्य प्राप्त होती है|
  4. शनि ग्रह के प्रभाव से आपकी पढ़ाई में बाधा आ सकती है अगर आप रोजाना शनि चालीसा का पाठ करेंगे तो भगवान शनि आप पर हमेशा कृपा बनाए रहेंगे|
  5. भगवान शनि बहुत दयालु देवता है उनकी चालीसा का पाठ करने से वह आपकी झोली अवश्य भरेंगे और आप कभी भी आशाएं महसूस नहीं करेंगे|
  6. शनि चालीसा का पाठ करने से आप लोगों को दोष से मुक्ति और आप लोगों के घर में हमेशा सुख शांति बनी रहती है|
  7. इस चालीसा का पाठ करके भगवान शनि हमेशा अच्छी दृष्टि बनाए रखेंगे और आपके करियर में आपकी सहायता करेंगे और आप जो भी कार्य करेंगे उसमें आपको सफल बनाएंगे|

Shani Chalisa – शनि चालीसा in Hindi

|| दोहा ॥

जय-जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महराज।
करहुं कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज।।

चौपाई

जयति-जयति शनिदेव दयाला।
करत सदा भक्तन प्रतिपाला।।

चारि भुजा तन श्याम विराजै।
माथे रतन मुकुट छवि छाजै।।

परम विशाल मनोहर भाला।
टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला।।

कुण्डल श्रवण चमाचम चमकै।
हिये माल मुक्तन मणि दमकै।।

कर में गदा त्रिशूल कुठारा।
पल विच करैं अरिहिं संहारा।।

पिंगल कृष्णो छाया नन्दन।
यम कोणस्थ रौद्र दुःख भंजन।।

सौरि मन्द शनी दश नामा।
भानु पुत्रा पूजहिं सब कामा।।

जापर प्रभु प्रसन्न हों जाहीं।
रंकहु राउ करें क्षण माहीं।।

पर्वतहूं तृण होई निहारत।
तृणहंू को पर्वत करि डारत।।

राज मिलत बन रामहि दीन्हा।
कैकइहूं की मति हरि लीन्हा।।

बनहूं में मृग कपट दिखाई।
मात जानकी गई चुराई।।

लषणहि शक्ति बिकल करि डारा।
मचि गयो दल में हाहाकारा।।

दियो कीट करि कंचन लंका।
बजि बजरंग वीर को डंका।।

नृप विक्रम पर जब पगु धारा।
चित्रा मयूर निगलि गै हारा।।

हार नौलखा लाग्यो चोरी।
हाथ पैर डरवायो तोरी।।

भारी दशा निकृष्ट दिखाओ।
तेलिहुं घर कोल्हू चलवायौ।।

विनय राग दीपक महं कीन्हो।
तब प्रसन्न प्रभु ह्नै सुख दीन्हों।।

हरिशचन्द्रहुं नृप नारि बिकानी।
आपहुं भरे डोम घर पानी।।

वैसे नल पर दशा सिरानी।
भूंजी मीन कूद गई पानी।।

श्री शकंरहि गहो जब जाई।
पारवती को सती कराई।।

तनि बिलोकत ही करि रीसा।
नभ उड़ि गयो गौरि सुत सीसा।।

पाण्डव पर ह्नै दशा तुम्हारी।
बची द्रोपदी होति उघारी।।

कौरव की भी गति मति मारी।
युद्ध महाभारत करि डारी।।

रवि कहं मुख महं धरि तत्काला।
लेकर कूदि पर्यो पाताला।।

शेष देव लखि विनती लाई।
रवि को मुख ते दियो छुड़ाई।।

वाहन प्रभु के सात सुजाना।
गज दिग्गज गर्दभ मृग स्वाना।।

जम्बुक सिंह आदि नख धारी।
सो फल ज्योतिष कहत पुकारी।।

गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं।
हय ते सुख सम्पत्ति उपजावैं।।

गर्दभहानि करै बहु काजा।
सिंह सिद्धकर राज समाजा।।

जम्बुक बुद्धि नष्ट करि डारै।
मृग दे कष्ट प्राण संहारै।।

जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी।
चोरी आदि होय डर भारी।।

तैसहिं चारि चरण यह नामा।
स्वर्ण लोह चांदी अरु ताम्बा।।

लोह चरण पर जब प्रभु आवैं।
धन सम्पत्ति नष्ट करावैं।।

समता ताम्र रजत शुभकारी।
स्वर्ण सर्व सुख मंगल भारी।।

जो यह शनि चरित्रा नित गावै।
कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै।।

अद्भुत नाथ दिखावैं लीला।
करैं शत्राु के नशि बल ढीला।।

जो पंडित सुयोग्य बुलवाई।
विधिवत शनि ग्रह शान्ति कराई।।

पीपल जल शनि-दिवस चढ़ावत।
दीप दान दै बहु सुख पावत।।

कहत राम सुन्दर प्रभु दासा।
शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा।।

॥ दोहा ॥

पाठ शनिश्चर देव को, की हों ‘भक्त’ तैयार।
करत पाठ चालीस दिन, हो भवसागर पार॥

Shani Chalisa – शनि चालीसा in English

|| Doha ||

Jai-Jai Shri Shanidev Prabhu Sunahu Vinay Maharaj
Karahun Kripa He Ravi Tanay Raakhahu Jan Ki Laaj

॥ Chaupai ॥

Jayati-Jayati Shanidev Dayala
Karata Sada Bhaktana Pratipala

Chaari Bhuja Tan Shyam Viraaja
Maathe Ratan Mukut Chhavi Chaaja

Param Vishal Manohar Bhaala
Tedhi Drishti Bhrukuti Vikarala

Kundal Shravan Chama-Cham Chamakai
Hiye Maal Mukatana Mani Damakai

Kar Mein Gada Trishool Kuthara
Pal Vich Karain Arihim Sanhara

Pingal Krishno Chaayaa Nandan
Yam Konastha Raudra Dukh Bhanjan

Sauri Mand Shanee Dash Naama
Bhaanu Putra Poojahin Sab Kaama

Jaapar Prabhu Prasann Ho Jaahi
Rankahu Raou Karen Kshan Maahi

Parvatahoon Trin Hoee Nihaarata
Trinahoon Ko Parvat Kari Daarata

Raaj Milata Ban Ramahi Deenha
Kaikaihun Ki Mati Hari Leenha

Banahoon Mein Mrag Kapat Dikhaai
Maat Janaki Gai Churaai

Lashanahi Shakti Vikal Kari Daara
Machi Gayo Dal Mein Haahaakaara

Diyo Keet Kari Kanchan Lanka
Baji Bajarang Veer Ko Danka

Nrip Vikram Par Jab Pagu Dhaara
Chitra Mayoor Nigali Gai Haara

Haar Naulakha Laagyo Chori
Haath Pair Daravaayo Tori

Bhaari Dashaa Nikrisht Dikhaao
Telihoon Ghar Kolhoo Chalavaayo

Vinay Raag Deepak Mahin Kiinho
Tab Prasann Prabhu Hnai Sukh Deenho

Harishchandrahoon Nrip Naari Bikaani
Aapahoon Bhare Dom Ghar Paani

Vaise Nal Par Dasha Tumhaari
Bachi Dropadi Hoti Ughaari

Kaurav Ki Bhi Gati Mati Maari
Yuddh Mahaabharat Kari Daari

Ravi Kahan Mukh Mahin Dhar Takaala
Lekar Koodi Paryo Paataala

Shesh Dev Lakhin Vinati Laai
Ravi Ko Mukh Te Diyo Chhadaai

Vaahan Prabhu Ke Saat Sujana
Gaj Diggaj Gardabh Mrg Swana

Jambuk Singh Aadi Nakh Dhaari
So Phal Jyotish Kahat Pukaari

Gaj Vaahan Lakshmi Grih Aavain
Hay Te Sukh Sampatti Upjaavain

Gardabhahaani Karai Bahu Kaaja
Singh Siddhakar Raaj Samaaja

Jambuk Buddhi Nasht Kari Daarai
Mrg De Kasht Praan Sanhaaraai

Jab Aavahin Prabhu Swaan Savaari
Chori Aadi Hoi Dar Bhaari

Taisahin Chaari Charan Yeh Naama
Swarn Loh Chandee Aru Taambaa

Loh Charan Par Jab Prabhu Aavain
Dhan Sampatti Nasht Karaavain

Samata Taamra Rajat Shubhakaari
Swarn Sarv Sukh Mangal Bhaari

Jo Yeh Shanai Charitra Nitya Gaavain
Kabahoon Na Dashaa Nikrisht Sataavain

Adbhut Naath Dikhaavain Leela
Karain Shatrau Ke Nash Bal Dheela

Jo Pandit Suyogya Bulavaai
Vidhivat Shanigrah Shaanti Karaai

Peepal Jal Shanidivas Chadhaavat
Deep Daan Dai Bahu Sukh Paavat

Kahat Raam Sundar Prabhu Daasaa
Shani Sumirat Sukh Hot Prakaashaa

|| Doha ||

Paath Shanishchar Dev Ko, Ki Hon ‘Bhakt’ Taiyaar
Karata Paath Chaalees Din, Ho Bhavsaagar Paar

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