Shiv Chalisa in Hindi – शिव चालीसा के 7 फायदे 2023

आज हम सभी भक्तों के सामने शिव चालीसा प्रस्तुत कर रहे हैं | इस चालीसा में BEST 7 Benefits of Shiv Chalisa के बारे में बताएंगे, इसके अलावा हम Lyrics उपलब्ध करवाएंगे |

Shiv Chalisa का उल्लेख प्राचीन हिन्दू पौराणिक ग्रंथों में होता है, जैसे कि ‘शिव महापुराण’ और ‘देवी भागवत’। इस चालीसा में भगवान शिव की महिमा, उनके गुण और उनके दिव्य लीलाओं का वर्णन किया गया है। यह चालीसा उनके प्रति भक्ति और समर्पण की भावना को प्रकट करने का एक माध्यम है।

Shiv Chalisa
AdarshBhakti.com – Shiv Chalisa

प्राचीन समय से, भगवान शिव के भक्तों द्वारा शिव चालीसा का पाठ किया जाता रहा है। यह चालीसा उनके आदर्श जीवन और श्रेष्ठ गुणों की महत्वपूर्ण बातें प्रस्तुत करती है, जिनसे हम सभी अपने जीवन को आध्यात्मिक और नैतिक मूल्यों के साथ प्रेरणास्त्रोत बना सकते हैं।

Shiv Chalisa पढ़ने के 7 फायदे

  1. शिव चालीसा का पाठ करने से भगवान शिव का आशीर्वाद आपको मिलता है और आप भगवान शिव के रूप का दर्शन भी कर सकते हैं और आप भगवान शिव की अनेक अनेक लीलाओं के बारे में जान सकते हैं|
  2. शिव चालीसा का पाठ करने से आपको भगवान शिव के बारे में अनेक चीज पता चलती है और आपको आध्यात्मिक उन्नति की भी प्राप्ति होती है और भगवान शिव की चालीसा का पाठ करने से आपके कार्य सफल होते हैं और आपके अंदर अच्छी ऊर्जा बनती है|
  3. शिव चालीसा का पाठ करके आपके मन में भगवान शिव के लिए प्रेम और बढ़ता है और उनके लिए भक्ति और बढ़ती है और भगवान शिव ऐसे देवता है जो देवों के देव है| और उनकी भक्ति से सारे कार्य सिद्ध होते हैं|
  4. शिव चालीसा का पाठ करके आपके मन में सदैव शांति बनी रहेगी और आपके घर में भी शांति रहेगी और आपके घर पर सारी बुरी चीज चली जाएगी और अच्छी चीज आ जाएगी
  5. जो भगवान शिव की चालीसा का पाठ करता है उसको डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि भगवान शिव स्वयं अपने भक्त की रक्षा करते हैं और भगवान शिव स्वयं काल के काल महाकाल है|
  6. इस चालीसा का पाठ करने से उसको कष्टों से निवारण मिलता है और उसको कोई भी दुख तकलीफ नहीं होती है और उनको साधना करने में आसानी होती है|
  7. शिव चालीसा का पाठ करने से मानसिक शक्ति और उत्तेजना मिल सकती है। यह चालीसा आत्मा को प्रेरित करने के साथ-साथ मानसिक तनाव को कम करने में मदद कर सकती है।

Shiv Chalisaशिव चालीसा in Hindi

|| दोहा ॥

जय गणेश गिरिजा सुवन,
मंगल मूल सुजान ।
कहत अयोध्यादास तुम,
देहु अभय वरदान ॥

॥ चौपाई

जय गिरिजा पति दीन दयाला ।
सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥

भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।
कानन कुण्डल नागफनी के ॥

अंग गौर शिर गंग बहाये ।
मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।
छवि को देखि नाग मन मोहे ॥

मैना मातु की हवे दुलारी ।
बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।
करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे ।
सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥

कार्तिक श्याम और गणराऊ ।
या छवि को कहि जात न काऊ ॥

देवन जबहीं जाय पुकारा ।
तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥

किया उपद्रव तारक भारी ।
देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥

तुरत षडानन आप पठायउ ।
लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥

आप जलंधर असुर संहारा ।
सुयश तुम्हार विदित संसारा ॥

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई ।
सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥

किया तपहिं भागीरथ भारी ।
पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥

दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं ।
सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥

वेद नाम महिमा तव गाई।
अकथ अनादि भेद नहिं पाई ॥

प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला ।
जरत सुरासुर भए विहाला ॥

कीन्ही दया तहं करी सहाई ।
नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥

पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा ।
जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥

सहस कमल में हो रहे धारी ।
कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥

एक कमल प्रभु राखेउ जोई ।
कमल नयन पूजन चहं सोई ॥

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर ।
भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥

जय जय जय अनन्त अविनाशी ।
करत कृपा सब के घटवासी ॥

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै ।
भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै ॥

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो ।
येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो ।
संकट से मोहि आन उबारो ॥

मात-पिता भ्राता सब होई ।
संकट में पूछत नहिं कोई ॥

स्वामी एक है आस तुम्हारी ।
आय हरहु मम संकट भारी ॥

धन निर्धन को देत सदा हीं ।
जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥

अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी ।
क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥

शंकर हो संकट के नाशन ।
मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं ।
शारद नारद शीश नवावैं ॥

नमो नमो जय नमः शिवाय ।
सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥

जो यह पाठ करे मन लाई ।
ता पर होत है शम्भु सहाई ॥

ॠनियां जो कोई हो अधिकारी ।
पाठ करे सो पावन हारी ॥

पुत्र हीन कर इच्छा जोई ।
निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे ।
ध्यान पूर्वक होम करावे ॥

त्रयोदशी व्रत करै हमेशा ।
ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे ।
शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥

जन्म जन्म के पाप नसावे ।
अन्त धाम शिवपुर में पावे ॥

कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी ।
जानि सकल दुःख हरहु हमारी ॥

॥ दोहा ॥

नित्त नेम कर प्रातः ही,
पाठ करौं चालीसा ।
तुम मेरी मनोकामना,
पूर्ण करो जगदीश ॥

मगसर छठि हेमन्त ॠतु,
संवत चौसठ जान ।
अस्तुति चालीसा शिवहि,
पूर्ण कीन कल्याण ॥

Shiv Chalisaशिव चालीसा in English

|| Doha ||

Jai Ganesh Girija Suvan
Mangal Mool Sujan
Kaht Ayodhya Das Tum
Dehu Abhay Vardaan

|| Chaupai ||

Jai Girija Pati Deen Dayala
Sada Kart Santan Pratipala

Bhal Chandrama Sohat Neeke
Kanan Kundal Naga-Phanike

Ang Gaur Shir Gang Bahaye
Mundamal Tan Kshar Lagaye

Vastr Khal Baaghmbar Sohe
Chhavi Ko Dekhi Naag Man Mohen

Maina Matu Ki Have Dulaari
Baam Ang Sohat Chhavi Nyari

Kar Trishool Sohat Chhavi Bhari
Karat Sada Shatrun Kshayakaari

Nandi Ganesh Sohai Tahin Kaise
Saagar Madhya Kamal Hain Jaise

Kartik Shyam Aur Ganraau
Ya Chhavi Ko Kahi Jaat Na Kaau

Devan Jabahi Jaay Pukara
Tab Hi Dukh Prabhu Aap Nivaara

Kiya Upadrav Tarak Bhari
Devan Sab Mili Tumahin Juhara

Turat Shadanana Aap Pathaayau
Lavanimesha Mahan Mari Giraayau

Aap Jalandhar Asur Sanhara
Suyash Tumhaara Vidit Sansaara

Tripurasur San Yuddh Machaai
Sabahin Kripa Kar Liin Bachaai

Kiya Tapahin Bhagirath Bhari
Purab Pratijna TaaSu Puraari

Daanin Mahin Tum Sam Ko Nahi
Sevak Stuti Karat Sadaahi

Ved Naam Mahima Tav Gaayi
Akath Anadi Bhed Nahi Paai

Prakati Udadhi Manthan Mein Jwala
Jarat Surasur Bhae Vihaala

Kiina Daya Tahan Kari Sahaai
Neelkanth Tab Naam Kahaai

Poojan Ramchandra Jab Kiina
Jeet Ke Lank Vibhishan Diina

Sahas Kamal Mein Ho Rahe Dhari
Kiinha Pariksha Tabahi Puraari

Ek Kamal Prabhu Rakheu Joi
Kamal Nayan Poojan Chahan Soi

Kathin Bhakti Dekhi Prabhu Shankar
Bhae Prasann Diye Ichchhit Var

Jai Jai Jai Anant Avinaashi
Karat Kripa Sab Ke Ghatavaasi

Dusht Sakal Nit Mohi Sataavai
Bhramat Rahu Mohi Chain Na Aavai

Trahim Trahim Main Nath Pukaaro
Yehi Avasar Mohi Aan Ubaaro

Lai Trishool Shatrun Ko Maaro
Sankat Se Mohi Aan Ubaaro

Maat-Pita Bhrata Sab Hoi
Sankat Mein Poochat Nahin Koi

Swami Ek Hai Aas Tumhaari
Aay Harahu Mam Sankat Bhaari

Dhan Nirdhan Ko Det Sada Hi
Jo Koi Jaanche So Phal Paahi

Astuti Kehi Vidhi Karain Tumhaari
Kshamahu Nath Ab Chook Hamaari

Shankar Ho Sankat Ke Naashan
Mangal Kaaran Vighn Vinaashan

Yogi Yati Muni Dhyaan Lagavaein
Sharad Narad Shish Navaavein

Namo Namo Jai Namah Shivaya
Sur Brahmaadi Paar Na Paaya

Jo Yeh Paath Kare Man Laai
Taa Par Hot Hai Shambhu Sahaai

Riniyaan Jo Koi Ho Adhikaari
Paath Kare So Paavan Haari

Putra Heen Kar Ichchha Joi
Nishchay Shiv Prasaad Tehi Hoi

Pandit Trayodashi Ko Laave
Dhyaan Poorvak Hom Karaave

Trayodashi Vrat Karai Hamesha
Taake Tan Nahin Rahe Kalesha

Dhoop Deep Naivedya Chadhaave
Shankar Sammukh Paath Sunaave

Janm Janm Ke Paap Nasaave
Ant Dhaam Shivpur Mein Paave

Kahain Ayodhya Daas Aas Tumhaari
Jaani Sakal Dukh Harahu Hamaari

|| Doha ||

Nitt Nem Kar Praatah Hi
Paath Karoun Chaaleesa
Tum Meri Manokaamana
Pooran Karo Jagdeesh

Magsar Chhathi Hemant Rutu
Samvat Chausath Jaan
Astuti Chaaleesa Shivaahi
Pooran Keen Kalyaan

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10 thoughts on “Shiv Chalisa in Hindi – शिव चालीसा के 7 फायदे 2023”

  1. ॐ नमः शिवाय ॐ।
    जय भोले नाथ..
    Yhe website se bhaut help mil ri hai is pe sab kuch ek sath mil ra hai yhe bhaut Amazing baat hai yhe link bahut use full hai yhe shiv chalisa plus us ki vedio ki link bhi provide kr ri hai…..👍

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  2. हर हर महादेव शिव शंभू शिव शंकर काफी सुंदर पंक्तियां प्रदान करी गई है इस वेबसाइट के द्वारा अति सुंदर कार्य ।

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  3. हर हर महादेव शिव शंभू शिव शंकर काफी सुंदर पंक्तियां प्रदान करी गई है इस वेबसाइट के द्वारा अति सुंदर कार्य ।

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