आज हम सभी भक्तों के सामने Delhi Me Ghumne Ki Jagah ( दिल्ली के 15 दर्शनीय स्थल ) की जानकारी प्रस्तुत कर रहे हैं |
Delhi Me Ghumne Ki Jagah – आज आप जानेगे दुनिया का दूसरा सबसे आबादी वाला शहर है। दिल्ली 25 मिलियन निवासियों के साथ टोक्यो शहर के बाद दिल्ली दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला शहर है। क्या आपको ये बात पहले पता थी| कि महाकाव्य महाभारत में जिसे इंद्रप्रस्थ का जिक्र है| माना जाता है कि वो दिल्ली के आसपास का इलाका था|
दिल्ली के जब आप मंदिरों के दर्शन करेंगे तो आपको शांति महसूस होगी| अगर आप दिल्ली घूमने आए हैं| तो आप यहां के प्रसिद्ध मंदिरों के भी दर्शन करके जरूर जाएं|
Table of Contents
Delhi Me Ghumne Ki Jagah – दर्शनीय स्थल
25 से अधिक मंदिरों के साथ आप को पहले कौन से मंदिर जाएंगे| यह बहुत बड़ी चुनौती है| इस Article में हम आपको दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिरों के माध्यम से यात्रा कर-आएंगे| दिल्ली की यात्रा में आपको इन्हें जरूर शामिल करना चाहिए|
अक्षरधाम मंदिर
दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर को स्वामी नारायण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर विश्व के विशालकाय मंदिरों में से एक है। इसका विशाल आर्किटेक्चर इसके इतिहास को प्रकट करता है। स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर एक हिंदू मंदिर है| और भारत के नई दिल्ली में स्थित साहित्यिक और सांस्कृतिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। इसे दिल्ली अक्षरधाम या स्वामीनारायण अक्षरधाम के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर में लाखों हिंदू साहित्य और संस्कृति के आदर्श और कलाकृतियों का प्रदर्शन होता है, जो मनमोहक होते हैं।
श्री किलकारी भैरव मंदिर
यहाँ पर इस मंदिर के बारे में ऐसा माना जाता है कि यह लगभग 5500 साल पुराना है। इस मंदिर की बनावट कई बार बदल चुकी है| इसलिए यह अब हमें बहुत पुराना नहीं लगता। यहाँ कहा जाता है| कि यह मंदिर पांडवों के युग से जुड़ा हुआ है।इस मंदिर का स्थान प्रगति मैदान के सामने है| और यह एक बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है| जहाँ लोग अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए आते हैं। इसके साथ ही, इसी स्थान पर भैरव बाबा का एक और रूप, गोर भैरव, का भी मंदिर है।
हनुमान मंदिर झंडेवालान
करोल बाग में हनुमान जी की मूर्ति एक अद्भुत रूप में है| शायद विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति में से एक है। इस मूर्ति की ऊँचाई 108 फीट है| और इसका वजन लगभग 600 टन का है। इस हनुमान जी के मंदिर को संकट मोचन धाम भी कहा जाता है। कहा जाता है कि 1994 में इस मूर्ति का निर्माण शुरू हुआ और 2007 में मूर्ति का कार्य समाप्त हुआ। मंदिर में एक ओर शनि मंदिर भी है| जिसमें शनिवार को भक्तों के लिए पूजा का आयोजन होता है। हनुमान मंदिर तीन मंजिलों तक फैला हुआ है| और सबसे ऊपरी मंजिल पर स्वयं पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ति है।
गौरी शंकर मंदिर
दिल्ली में कई सदियों पुराने मंदिर हैं| जिनमें आज भी भक्तों की भीड़ जमी रहती है। एक 800 साल पुराना मंदिर है जो दिल्ली के बीचों बीच, चांदनी चौक वेस्ट में स्थित है। इस मंदिर का नाम है “गौरीशंकर मंदिर” और यह पुरानी दिल्ली के सबसे प्रसिद्ध और चर्चित मंदिरों में से एक है। इस मंदिर का विशेषता यह है कि इसका शिवलिंग भूरे रंग का है| और इसे अलंकरण के बाद चांदी के सड़कों से घेर दिया जाता है।
बिड़ला मंदिर या लक्ष्मी नारायण मंदिर
बिड़ला मंदिर वाकई अत्यंत सुंदर है| और यह भक्तों को आकर्षित करता है। इस मंदिर की कहानी भी दिलचस्प है। इस मंदिर का उद्घाटन महात्मा गांधी ने किया था| और उनकी शर्त थी कि इस मंदिर में सभी जातियों के लोगों को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। यह मंदिर जी.डी. बिरला द्वारा 1938 में निर्मित किया गया था| और यह कनॉट प्लेस के पश्चिम दिशा में स्थित है। यह दिल्ली के प्रमुख मंदिरों में से एक है| और यह माता लक्ष्मी और भगवान नारायण को समर्पित है।
महाबोधि मंदिर
महाबोधि मंदिर का नाम पाली भाषा के “महाबोधि विहार” से आया है| जिसका अर्थ होता है “महान बोधि का मंदिर”। यह मंदिर भारत के बोधगया शहर में स्थित है| और बौद्ध धर्म के महान गुरु गौतम बुद्ध के उद्घाटन के स्थल के रूप में महत्वपूर्ण है। महाबोधि मंदिर भारतीय संस्कृति और धर्म के महत्वपूर्ण हिस्से का प्रतीक है| और यह बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है।
लद्दाख बौद्ध विहार
ऐसी जगह जो लद्दाखी लोगों को दिल्ली में अपनेपन का अहसास कराता है। ये जगह है| लद्दाख बौद्ध बिहार उतरी दिल्ली में हैं | लद्दाख लोगों का जियोग्राफिकल, इन देश के अन्य हिस्सों से कट ऑफ और भाषा संस्कृति के मामले में भी एकदम अलग होने के कारण। यह मंदिर शांति का भी प्रतीक है| और इस मंदिर का अंदर का वातावरण बहुत शांत है| जहाँ पे लोगों को साधना करने में कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।
श्री दिगंबर जैन लाल मंदिर
दिल्ली का सबसे पुराना जैन मंदिर लाल किला पर चांदनी चौक के सामने स्थित है| जो जैन माता वलंबियों की आस्था को प्रमुख केंद्र है। यहाँ मंदिर 23 का तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ को समर्पित है| जैन मातावलंबियों के दिल्ली स्थित 170 मंदिरों में से एक इस मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या सबसे ज्यादा रहती है। मंदिर में चारों दिशा के मूल के चार मूर्तियां स्थापित की गई है।
गुरुद्वारा बंगला साहिब
करीब 350 साल पुराना यह गुरुद्वारा दिल्ली के ऐतिहासिक सामाजिक और धार्मिक विरासत का प्रतीक है| या सिर्फ एक धर्म के ही नहीं बल्कि हर धर्म के हजारों की संख्या में लोग यहां आकर सुकून महसूस करते हैं| बांग्ला साहिब गुरुद्वारा सेंट्रल दिल्ली कनॉट प्लेस के बाबा खड़क सिंह मार्ग पर स्थित है|
इस्कॉन मंदिर
दिल्ली में बनी इस्कॉन मंदिर का निर्माण साल 1998 में हुआ था। यह मंदिर इंटरनेशनल सोसायटी कृष्ण चेतना द्वारा बनाया गया था। इसका उद्देश्य है हरे राम हरे कृष्ण के भक्तों को श्रीमद्भागवत गीता के संदेश को समझाना और पहुंचाना। इस्कॉन के दिल्ली में कुल आठ मंदिर हैं| जो तीन भागों में बाँटे गए हैं।
छतरपुर मंदिर
इस मंदिर का निर्माण वर्ष 1974 में बाबा संत नागपाल जी द्वारा किया गया था। यह मंदिर लगभग 60 एकड़ में फैला हुआ है| और हिंदू देवी माता कात्यायनी जी को समर्पित है। इसका आधिकारिक नाम मध्य कात्यायनी मंदिर है, लेकिन यह छत्तरपुर मंदिर के नाम से ज्यादा प्रसिद्ध है। इस मंदिर में माता कात्यानी के दरबार के बहुत समीप बाबा संत नागपाल जी के कमरे हैं| जो बिल्कुल वास्तविक बाबा की तरह दिखती हैं। इस मंदिर परिसर में स्थित सभी मंदिरों का निर्माण मूल्यवर्धित संक्रमण के पत्थरों से किया गया है| जो पर्यटकों को इसकी ओर आकर्षित करता है। इस मंदिर के परिसर को तीन भागों में बाँटा गया है।
लोटस टेम्पल
दिल्ली में स्थित लोटस टेम्पल का निर्माण 1 जनवरी 1987 को किया गया था। इस मंदिर की खासियत उसकी कमल जैसी आकृति है, जिसके कारण इसे कमल मंदिर या लोटस टेम्पल भी कहा जाता है। यह मंदिर बहाई धर्म के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण है| और इसके डिज़ाइन में 27 खड़ी मार्बल की पंखुड़ियाँ हैं| जिनमें तीन और नौ के आकार हैं।
कालकाजी मंदिर
इस मंदिर का अस्तित्व अनादि काल से जुड़ा हुआ है| कहा जाता है कि यहीं पर भगवती महाकाली के रूप में प्रकट हुई थी | और राक्षसों का संघार किया था। और कहां जाता है| कि जब राक्षसों का आतंक ज्यादा बढ़ गया था| तो सभी देवताओं ने मां पार्वती की आराधना करके मां पार्वती को प्रसन्न किया और मां पार्वती ने काली माता का रूप धारण करके शैतान का वध कर और इसी जगह पर विराजमान हो गई|
साईं बाबा मंदिर
साइन बाबा के मंदिर के इतिहास के बारे में और इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्य जानेंगे साइन बाबा का जन्म 1838 ईस्वी में हुआ था| और उनका वास्तविक नाम हरीभव को सारी था| साइन बाबा शिर्डी में पहली बार 1854 ईस्वी में आए थे| साइन हिंदू मुस्लिम एकता के बड़े समर्थक थे| जिस कारण उनके पास केवल हिंदू थे|अभी तो कुछ मुसलमान भी थे| साइन के मंदिरों में प्रत्येक धर्म के लोगों को आने जाने की अनुमति प्रदानकीजिए|
योगमाया मंदिर
योग माया मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध है| और इसके प्रांगण में हमें एक दिलचस्प कहानी सुनाई जाती है। मंदिर के अंदर जब आप माता योग माया की पूजा करने जाते हैं| तो वहां एक बहुत ही सुंदर मूर्ति होती है। कहानी यह है कि कई साल पहले, जब माता योग माया अपने शिष्य के साथ योग प्रैक्टिस कर रही थी| वह अपनी बालक रूप में अपने शिष्य के साथ खेल रही थी।
एक दिन, उनके शिष्य ने उनसे कहा, “माता, आपका यह बालक रूप बहुत प्यारा है। क्या मैं उसको अपने पास रख सकता हूँ?”माता योग माया ने खुशी-खुशी अपने शिष्य को अपने बालक रूप को ले जाने की अनुमति दी, लेकिन एक शर्त पर। वह शर्त थी कि जब भी वह बच्चा रोएगा, तो वह उसकी माँ के पास वापस कर आएगा।, हम उनके पास अपनी समस्याओं को लेकर जा सकते हैं और वह हमें सहारा देती हैं। जय माता दी!
दिल्ली यात्रा – Delhi Me Ghumne Ki Jagah
रेलवे स्थान से मंदिर
दिल्ली जंक्शन पुरानी दिल्ली पहुंचने के बाद आप ऑटो टैक्सी या मेट्रो की मदद से इन सभी मंदिरों की यात्रा आसानी से कर सकते हैं| रेलवे स्टेशन से कुछ मंदिर की दूरी थोड़ी ज्यादा है| और कुछ मंदिर 10 किलोमीटर के आसपास में है|
इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से दूरी
इंदिरा गांधी हवाई अड्डे में उतरने के बाद आपकी यात्रा को और आसान बनाने के लिए आप हवाई अड्डे के पास के मेट्रो स्टेशन के बारे में जान सकते हैं :-
- हवाई अड्डा (टी-3) मेट्रो स्टेशन: 0.8 किलोमीटर
- दिल्ली एयरोसिटी मेट्रो स्टेशन: 1.9 किमी
- टर्मिनल 1 आईजीआई एयरपोर्ट मेट्रो स्टेशन: 2.2 किमी
- सदर बाजार छावनी मेट्रो स्टेशन: 2.4 किमी
- द्वारका सेक्टर 8 मेट्रो स्टेशन: 3.6 किमी
- शंकर विहार मेट्रो स्टेशन: 3.7 किमी
दिल्ली के तथ्य
दिल्ली भारत की राजधानी होने के साथ-साथ लोगों के लिए बहुत अच्छा दर्शनीय स्थल है| यहां के मंदिर,गालियां और इमारतें आकर्षण का कारण बन सकती है| और यहां के मंदिरों के भजन कीर्तन से आपको शांति महसूस होगी
इसके अलावा, दिल्ली के बारे में कुछ और रोचक तथ्य हैं:
1.दिल्ली यमुना तट के निकट स्थित है|और यहां पर खाना बहुत स्वादिष्ट है| लोग यहां पर ज्यादातर नए-नए पकवान का सेवन करने भी दिल्ली घूमने आते हैं| और यहां के जो दर्शनीय मंदिर स्थल है उनका रूप भी बहुत निराला है|
2.दिल्ली में कल्काजी मंदिर किलकारी भैरव मंदिर छतरपुर माता मंदिर और ऐसे बहुत सारे मंदिर हैं| जहां पर जाकर आपको शांति मिलेगी और वहां पर जाकर आपको अलग सी शक्ति का अनुभव होगा|
3.दिल्ली का बाजार, खाना, और विभिन्न कला-क्राफ्ट के उत्पादों के लिए भी प्रसिद्ध है.
दिल्ली-दर्शनीय स्थल के साथ-साथ बहुत प्राचीन भी है| यहां पर कहा जाता है| कि पांडवों ने इंद्रप्रस्थ का निर्माण भी किया था जो के आज के समय में दिल्ली के नाम से जाना जाता है|
दिल्ली के आसपास घूमने लायक जगह – Place To Visit Near Delhi
दिल्ली के आसपास घूमने लायक कई अन्य दर्शनीय स्थल भी है जो आपकी यात्रा को और रोचक बना सकते हैं जैसे की :-
1.साईं बाबा मंदिर – आपकी यात्रा को और मंगल में बनाने के लिए आप साइन बाबा मंदिर जो कि लोधी रोड दिल्ली एनसीआर में स्थित है वहां के दर्शन कर सकते हैं|
2.यमुना तट – दिल्ली यमुना तट के पास एक बसा हुआ शहर है| आप यमुना तट के भी दर्शन कर सकते हैं| आप यमुना माता को प्रणाम करके अपनी यात्रा को और मंगल में बना सकते हैं| और यमुना तट के निकट रेनी वैली पार्क पार्क है| जहां पर आप अपनी फैमिली के साथ थोड़ा वहां पर टहल सकते हैं| और उसे पार्क के निकट ही यमुना नदी बहती है|
3.श्री किलकारी भैरव मंदिर – प्रगति मैदान में स्थित किलकारी भैरव मंदिर भी बहुत प्राचीन है| आप वहां पर भैरव बाबा के दर्शन करने के बाद वहां के स्थान में घूम सकते हैं जो की बहुत प्राचीन काल के हैं| और प्रगति मैदान में हर साल बहुत बड़ा मेरा लगता है जो कि दिल्ली का सबसे बड़ा मेला है|
4.जंतर मंतर – दिल्ली में जंतर मंतर भी बहुतप्रसिद्ध है बाकी नकाशी को देखकर आपका मन मोह जाएगा और वह स्थान घूमने के लिए सबसे अच्छा है वहां पर आपघूम सकते हैं|
5.इण्डिया गेट – इंडिया गेट, का डिज़ाइन सर एडवर्ड लूटियन्स ने तैयार किया था और इसका निर्माण पेरिस के आर्क डे ट्रायम्फ से प्रेरित हुआ था।इंडिया गेट एक बहुत अच्छा दर्शनीय स्थल है वहां पर जाकर हम उन सिपाहियों को याद कर उनका शुक्रिया अदा कर सकते हैं जिन्होंने हमारे लिए अपनी जान में खेल कर हम लोगों की हमेशा रक्षा करी और करते आएंगे उनके बलिदान पर हमें गर्व है|
दिल्ली में रुकने की जगह – Delhi me Rukne ki Jagah
दिल्ली में रुकने के लिए अनेक होटल, आश्रम, और गोस्ट हाउस जैसे विकल्प होते हैं| में विभिन्न प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हैं| जो आपके बजट और प्राथमिकताओं के आधार पर चुन सकते हैं।
1.होटल: दिल्ली में आने के बाद आपको होटल की सुविधाएं हर जगह प्राप्त होगी क्योंकि दिल्ली एक ऐसा शहर है जहां पर जनसंख्या बहुत ज्यादा है और इस जनसंख्या के चलते यहां पर होटल गेस्ट हाउस और आश्रम की सुविधा हमेशा उपलब्ध रहती है
1 दिन में Delhi Me Ghumne Ki Jagah (Delhi in One Day Place to Visit in)
1.कालकाजी मंदिर
2.लोटस टेम्पल
3.श्री दिगंबर जैन लाल मंदिर
4.बिड़ला मंदिर या लक्ष्मी नारायण मंदिर
5.हनुमान मंदिर झंडेवालान
FAQ
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दिल्ली में कितने मंदिर है ?
राजधानी दिल्ली में वैसे लगभग प्रसिद्ध 15 मंदिर है| जहां पर आप घूमने जा सकते हैं| उसके साथ-साथ और अन्य बहुत सारे मंदिर हैं| जहां पर आपको जाना चाहिए| लगभग राजधानी दिल्ली में 20 से 25 प्रसिद्ध मंदिर है|
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राजधानी दिल्ली कितने दिन में घूम सकते हैं ?
दिल्ली की पूरी यात्रा आप 2 दिन में समाप्त कर सकते हैं आप हर एक स्थान को सही-सही समय देंगे तो आप दिल्ली की यात्रा जल्द ही समाप्त कर सकते हैं
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दिल्ली क्यों प्रसिद्ध है ?
दिल्ली मशहूर है क्योंकि यह भारत की राजधानी है और यहाँ पर बहुत सारे पुराने स्थल और सरकारी कार्यालय हैं। यहाँ पर भारतीय संघ, राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट, और प्रसिद्ध मंदिर जैसे महत्वपूर्ण स्थल हैं। दिल्ली में बड़े बाजार, खरीदारी के स्थल, और स्वादिष्ट खाने की जगहें भी हैं।
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