वृंदावन के 10 दर्शनीय स्थल | Vrindavan Me Ghumne Ki Jagah

आज हम सभी भक्तों के सामने Vrindavan Me Ghumne Ki Jagah ( वृंदावन के 10 दर्शनीय स्थल ) की जानकारी प्रस्तुत कर रहे हैं |

Mathura Vrindavan Me Ghumne Ki Jagah – भारत की धार्मिक और आध्यात्मिक धरोहर वृंदावन, उत्तर प्रदेश के हृदय में स्थित है। इस छोटे से शहर की खूबसूरती और आध्यात्मिक गौरव ने इसे भारत और विश्व के पर्वतित्राण में बदल दिया है। यहां गूंथी गुलाबी फूलों की खुशबू और श्रीकृष्ण के भवनों का वातावरण है, जो हर दर्शनी के लिए अद्वितीय और आत्मा को सुखद अनुभव प्रदान करता है।

Vrindavan Me Ghumne Ki Jagah
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इन मंदिरों में आप भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी के दिव्य स्वरूप का दर्शन करके अपनी आत्मा को शांति और सुकून महसूस करेंगे। वृंदावन यात्रा पर आकर आपको यहाँ के मंदिरों का दर्शन करना अनिवार्य है, जो आपकी यात्रा को और भी अद्भुत बना देगा।

Table of Contents

Vrindavan Me Ghumne Ki Jagah – दर्शनीय स्थल

5000 से अधिक मंदिरों के साथ, यहां के मंदिरों में से किन्हें खोजना चाहिए, यह चुनौती है। इस Article में, हम आपको वृंदावन के पांच प्रमुख दर्शनीय स्थल मंदिरों के माध्यम से यात्रा कराएंगे, जिन्हें आपके यात्रा योजना में शामिल करना चाहिए।

श्री बांके बिहारी मंदिर

श्री बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है और यहाँ की आलौकिक भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा बहुत ही आकर्षक है। यह मंदिर भक्तों के बीच बहुत ही पूज्य है और सवान महीने के दौरान भक्तों की भीड़ बहुत अधिक होती है।

निधि वन

निधि वन, काली घाट के पास, एकनिधि वन: एक जादुई जंगल पवित्र जंगल है जहाँ पर रात के समय भगवान कृष्ण और राधा रानी की दिव्य लीला में लगातार हुंकार करते हैं। यह मान्यता है कि अगर कोई भी रात को यहाँ प्रवेश करता है, तो वह भगवान कृष्ण और राधा के साथ हजारों गोपियों के साथ उनका दर्शन करेगा। जब भी आप यात्रा की योजना बनाते हैं, तो इन पांच मंदिरों को जरूर शामिल करें। प्रत्येक मंदिर एक अनूठा आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है और वृंदावन की धनी इतिहास और भक्ति की झलक दिखाता है।

निधि वन
निधि वन

प्रेम मंदिर

प्रेम मंदिर वृंदावन के सबसे अद्भुत और विशाल मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की प्रतिमा के साथ गोवर्धन पर्वत की आलौकिक प्रतिमा भी है। इसके बाहर की लाइटिंग रात को बहुत ही आकर्षक होती है और मंदिर का माहौल आत्मा को शांति प्रदान करता है।

प्रेम मंदिर
प्रेम मंदिर

श्री राधा दामोदर मंदिर: दिव्य प्रेम का झलक

श्री राधा दामोदर मंदिर वृंदावन के प्राचीन मंदिरों में से एक है, जो लगभग 500 वर्ष पहले आस्थापित हुआ था। इस मंदिर में राधा और भगवान कृष्ण के दामोदर रूप में विराजमान हैं। इस मंदिर की भव्यता आपको चौंका देगी। कहा जाता है कि इस मंदिर में चार प्रक्रिया का पालन करने से आपको गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा का आध्यात्मिक लाभ मिलता है। इस पवित्र स्थल की शांति को अनुभव करने का अवसर न छोड़ें।

श्री राधा दामोदर मंदिर
श्री राधा दामोदर मंदिर

श्री राधा वल्लभ मंदिर: आध्यात्मिक विहार

श्री राधा वल्लभ मंदिर, जिसे रंगजी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, वृंदावन का प्राचीन मंदिर है। 1851 में बना इस मंदिर ने दक्षिण भारत की वास्तुकला का अनुसरण किया है। इस मंदिर में भगवान कृष्ण की दिव्य मूर्ति है, जो शांति की अनुभूति कराती है। इस मंदिर में एक 60 फीट लंबा सोने का खम्भा है, जिसे अक्सर “सोने का मंदिर” कहा जाता है। इस पवित्र स्थल पर आपको शांति का अनुभव करने और अपनी प्रार्थनाएँ अर्पित करने का अवसर मिलेगा।

श्री राधा वल्लभ मंदिर
श्री राधा वल्लभ मंदिर

श्री मदन मोहन मंदिर: शांति का आश्रय

यमुना नदी के किनारे काली घाट पर स्थित श्री मदन मोहन मंदिर सफेद संगमरमर की वास्तुकला के लिए जाना जाता है। इस मंदिर ने मुग़ल शासकों के शासन काल में बड़ा क्षति उठाया था, और मदन मोहन की मूर्ति को करौली, राजस्थान, में स्थानांतरित कर दिया गया था। 23 साल बाद, मूर्ति वृंदावन लौटी और इस नए मंदिर में स्थापित की गई। शांति के इस पवित्र स्थल की विशेषता और वास्तुकला की खूबसूरती के लिए यह एक अनिवार्य दर्शनीय है।

श्री मदन मोहन मंदिर
श्री मदन मोहन मंदिर

शाहजी मंदिर: वास्तुकला की महत्ता

शाहजी मंदिर पूरी तरह से सफेद संगमरमर से बना हुआ एक अद्वितीय मंदिर है। इसके बड़े प्रांगण में बैठकर आपको बहुत ही शांति का अहसास होगा। मंदिर को अक्सर “निधि वन” कहा जाता है क्योंकि माना जाता है कि रात को भगवान कृष्ण यहाँ पर रास लीला करते हैं। इस मंदिर का दर्शन करना एक शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक अनुभव होता है।

शाहजी मंदिर
शाहजी मंदिर

राधा रमण मंदिर

यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी को समर्पित है और इसका निर्माण राजस्थानी शैली में हुआ है। मंदिर के प्रगण में आपको भगवान कृष्ण की बाल रूप की प्रतिमा और उनके लीलाओं के दर्शन मिलते हैं।

राधा रमण मंदिर
राधा रमण मंदिर

माता वैष्णो देवी मंदिर: वृन्दावन की दिव्यता का प्रतीक

वृन्दावन, श्रीकृष्ण की धाम, वृन्दावन में माता वैष्णो देवी मंदिर स्थित है, जिसे आसमानी बेंच पर स्थित देवी की 141 सीट कोची विशाल प्रतिमा से सजा हुआ है। यह स्थल भक्तों के लिए पवित्र और धार्मिक महत्मा का प्रतीक है। इस मंदिर के अलौकिक दरबार ने इसे और भी ख़ास बना दिया है। यहाँ पर गुफाओं का एक अद्वितीय स्वरूप है, और इन गुफाओं में माता रानी का एक प्यारा सा बना हुआ है, जहाँ पर उनकी प्रतिमा स्थित है

माता वैष्णो देवी मंदिर
माता वैष्णो देवी मंदिर

श्री श्री कृष्ण बल्ला मंदिर (इस्कॉन Temple)

इस्कॉन टेम्पल वृंदावन के प्रमुख आध्यात्मिक स्थलों में से एक है, जिसका निर्माण जगद्गुरु कृपालु जी महाराज ने किया था। इसका सफेद संगमरमर से बना हुआ भव्य और आकर्षक निर्माण है, और यहाँ पर भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी के मूर्तियाँ स्थापित हैं। रात को इस मंदिर की लाइटिंग बहुत ही अच्छी लगती है और भगवान की लीलाओं का प्रदर्शन किया जाता है।

इस्कॉन मंदिर
श्री श्री कृष्ण बल्ला मंदिर

वृंदावन और मथुरा की यात्रा

रेलवे स्थानों से दूरी

वृंदावन और मथुरा को पहुंचने का एक सामान्य तरीका ट्रेन से है। इस क्षेत्र की प्रमुख रेलवे स्थान है मथुरा जंक्शन। वृंदावन मथुरा रेलवे स्थान से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर है, जिससे आपकी यात्रा को सहज बनाने के लिए यह एक सुविधाजनक आरंभिक बिंदु बन जाता है।

आगरा हवाई अड्डे से दूरी

यदि आप हवाई जहाज से आ रहे हैं, तो सबसे निकट हवाई अड्डा आगरा हवाई अड्डा है। वृंदावन आगरा हवाई अड्डे से लगभग 65-70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, और इस दूरी को सड़क पर तय किया जा सकता है।

यात्रा विकल्प

रेलवे स्थान से वृंदावन

मथुरा रेलवे स्थान पहुंचने के बाद, आपके पास वृंदावन पहुंचने के लिए कई परिवहन विकल्प होते हैं। टैक्सी, ऑटो-रिक्शा, और बस जैसे साधने उपलब्ध होते हैं, जो आपको वृंदावन पहुंचने में मदद कर सकते हैं।

आगरा हवाई अड्डे से वृंदावन

यदि आप वायुयान से आगरा हवाई अड्डे पहुंचते हैं, तो वृंदावन आपके लिए लगभग 65-70 किलोमीटर की दूरी पर है। आप टैक्सी या कार किराया कर सकते हैं, जिससे आप वृंदावन पहुंच सकते हैं।

वृंदावन के तथ्य

वृंदावन, हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है, जो भगवान कृष्ण के आवतरण के स्थल के रूप में माना जाता है। यहां के मंदिर, गलियों, और घाटों में आपको उनके लीलाओं की महक मिलती है, और यहां के विशेष धार्मिक आचरण और भजन-कीर्तन से आत्मा को शांति मिलती है।

इसके अलावा, वृंदावन के बारे में कुछ और रोचक तथ्य हैं:

  • वृंदावन के रासलीला महोत्सव भगवान कृष्ण के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है, जो विशेष धार्मिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है. यहां पर भगवान कृष्ण की रासलीला के कथानक किये जाते हैं.
  • वृंदावन में राधा कुंड, गोवर्धन पर्वत, और श्रीबनके बिहारी जी मंदिर जैसे स्थल भी हैं, जो भगवान कृष्ण के जीवन से जुड़े हैं.
  • वृंदावन के बाहर, मथुरा शहर में भी भगवान कृष्ण के जन्म स्थल का प्रसिद्ध मंदिर है, जिसे “जन्मस्थल मंदिर” कहा जाता है.
  • वृंदावन का बाजार, खाना, और विभिन्न कला-क्राफ्ट के उत्पादों के लिए भी प्रसिद्ध है.

वृंदावन हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण स्थल होने के साथ-साथ, भगवान कृष्ण के जीवन और लीलाओं के बारे में एक गहरी भावनाओं और आस्था के साथ जुड़ा हुआ है।

जैसा कि ऊपर वर्णित किया गया है, वृंदावन शहर में कई महत्त्वपूर्ण मंदिर हैं, जो भक्तों के लिए पवित्र स्थल के रूप में प्रसिद्ध हैं। ये मंदिर भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी के भक्तों के लिए धार्मिक और आध्यात्मिक आकर्षण हैं।

वृंदावन के आसपास घूमने लायक जगह – Place to Visit Near Vrindavan

वृंदावन के आसपास घूमने लायक कई अन्य दर्शनीय स्थल हैं, जो आपके यात्रे को और भी रोचक बना सकते हैं। यहां कुछ ऐसे स्थल हैं:

  1. मथुरा: वृंदावन से सिर्फ 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है मथुरा, भगवान कृष्ण के जन्मस्थल के रूप में प्रसिद्ध. यहां पर श्रीकृष्ण जन्मस्थल मंदिर, द्वारकाधीश मंदिर और अन्य प्रमुख मंदिर हैं.
  2. गोवर्धन: वृंदावन से कुछ किलोमीटर दूरी पर, गोवर्धन पर्वत स्थित है, जिसे भगवान कृष्ण ने अपने हाथों से उठाया था. यहां पर गोवर्धन पर्वत, गोवर्धन मंदिर, और गोवर्धन पूजा प्रमुख आकर्षण हैं.
  3. बरसाना: बरसाना भी भगवान कृष्ण के लीलाओं के लिए प्रसिद्ध है, और यहां पर राधा रानी के मंदिर और अन्य धार्मिक स्थल हैं.
  4. नंदगांव: यह भी भगवान कृष्ण के जीवन से जुड़ा हुआ है, और यहां पर नंदगांव के मंदिर और गोपिका कुंड देखने लायक हैं.
  5. मुक्तेश्वर महादेव मंदिर: वृंदावन से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, यहां पर मुक्तेश्वर महादेव के मंदिर में भगवान शिव की पूजा की जाती है.
  6. गोकुल: भगवान कृष्ण के बचपन के स्थलों में से एक है गोकुल, जहां उन्होंने गोपियों के साथ खेला और लीलाएं की.
  7. काम्बोज: यह एक प्राकृतिक झील है जो वृंदावन के पास है, जहां आप शांति और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं.

वृंदावन में रुकने की जगह – Vrindavan me Rukne ki Jagah

वृंदावन में रुकने के लिए अनेक होटल, आश्रम, और गोस्ट हाउस जैसे विकल्प होते हैं, जो आपके बजट और प्राथमिकताओं के आधार पर चुन सकते हैं। वृंदावन में विभिन्न प्रकार की आवास सुविधाएं उपलब्ध होती हैं:

  1. होटल: वृंदावन में कई होटल हैं, जो विभिन्न बजट और आवास विकल्प प्रदान करते हैं, सुखद रहने के लिए.
  2. आश्रम: वृंदावन में आश्रम भी उपलब्ध हैं, जो धार्मिक आत्मा के लिए एक शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान कर सकते हैं.
  3. गोस्ट हाउस: कुछ गोस्ट हाउस भी वृंदावन में उपलब्ध होते हैं, जो बजट-मिति यात्री के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है.
  4. धर्मशाला: यदि आप बजट में रहना पसंद करते हैं, तो वृंदावन में कुछ धर्मशालाएं भी हैं जो आपको आवास प्रदान कर सकती हैं.
  5. अपार्टमेंट और होमस्टे: वृंदावन में कुछ अपार्टमेंट और होमस्टे भी हैं, जिन्हें आप व्यक्तिगत आवास के लिए किराए पर ले सकते हैं.

आपकी आवश्यकताओं और बजट के आधार पर वृंदावन में सही आवास चुनना महत्वपूर्ण है, ताकि आपकी यात्रा सुखद और आरामदायक हो सके।

वृंदावन जाने का सबसे अच्छा समय

वृंदावन जाने का सबसे अच्छा समय धार्मिक और मौसम की प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है। यहां कुछ सुझाव हैं:

  1. श्रावण मास (जुलाई-अगस्त): श्रावण मास हिंदू पंचांग के अनुसार भगवान शिव के पूजन के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन यह वृंदावन में भी महत्वपूर्ण है। इस समय पर वृंदावन में कांवड़ यात्रा और भजन-कीर्तन का धूमधाम होता है.
  2. कृष्ण जन्माष्टमी (अगस्त): कृष्ण जन्माष्टमी वृंदावन में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, खासकर भगवान कृष्ण के जन्मस्थल पर. इस समय पर वृंदावन एक आनंदमयी और उत्सवों से भरा होता है.
  3. सरदी की सुबहें (नवम्बर-फरवरी): वृंदावन की मौसम सरदी के महिनों में बेहद प्रिय होती है, खासकर नवंबर से फरवरी के बीच। मौसम शांत और प्रशांत होता है, जिससे यात्रा का आनंद और भी बढ़ जाता है.
  4. होली (मार्च): होली वृंदावन में बड़े उत्सव के साथ मनाई जाती है, खासकर श्री बनके बिहारी मंदिर में. यह एक बहुत ही आनंदमयी समय होता है.
  5. फाल्गुन माह (फरवरी-मार्च): फाल्गुन माह में होली के पूर्व, वृंदावन में फाल्गुनीक एकादशी उत्सव भी मनाया जाता है, जो भगवान कृष्ण को समर्पित है.

धार्मिक और आत्मिक आधारों के साथ, मौसम को भी ध्यान में रखना महत्वपूर्ण होता है। आपकी यात्रा का समय वृंदावन के उत्सवों और आपकी प्राथमिकताओं के आधार पर चयन करें।

वृंदावन घूमने में कितना खर्च आएगा?

वृंदावन में घूमने का न्यूनतम खर्च आपकी आवश्यकताओं और आपके आवास के प्रकार पर निर्भर करेगा। यहां एक आदर्श बजट दिया गया है, जिससे आपको एक अंदाजा मिल सकता है:

  1. आवास: यदि आप आश्रम में रुकते हैं, तो आपका आवास बजट-मिति के हिसाब से हो सकता है, जो आमतौर पर 500 रुपये से शुरू हो सकता है। होटलों का खर्च अधिक हो सकता है, जो 1000 रुपये से शुरू हो सकता है।
  2. खानपान: खानपान का खर्च आपके भोजन की प्राथमिकताओं और आपकी प्राथमिकताओं के आधार पर बदल सकता है। एक सामान्य खाना रेस्टोरेंट में 200 से 300 रुपये के बीच हो सकता है।
  3. यात्रा: यात्रा के लिए ट्रांसपोर्ट के खर्च आपके स्थान से वृंदावन तक की दूरी पर निर्भर करेगा।
  4. पूजा और धार्मिक खर्च: आपकी धार्मिक आवश्यकताओं के अनुसार इसमें खर्च हो सकता है, जैसे कि मंदिरों में पूजा सामग्री और दान-दक्षिणा।

इसके बावजूद, वृंदावन में एक आदर्श न्यूनतम खर्च का आकलन करने के लिए, आपके दिन-दिन के आवास, खानपान, और यात्रा के खर्च को मिलाकर करना होगा। आमतौर पर, न्यूनतम खर्च किसी भी व्यक्ति के लिए वृंदावन में एक दिन के लिए 1000-1500 रुपये के बीच हो सकता है।

घूमने की जगह वृंदावन में 1 दिन में (Vrindavan in One Day Place to Visit in)

  1. गोविंद देव मंदिर
  2. सेवा कुंज और निधिबन
  3. शाहजी मंदिर गोवर्धन हिल
  4. पागल बाबा मंदिर
  5. गोविंद देव मंदिर
  6. श्री वृंदाकुंड

FAQ

  1. गोवर्धन में घूमने की जगह

    मथुरा से लगभग 22 किलोमीटर दूर स्थित, गोवर्धन एक प्रमुख तीर्थस्थल है, जिसमें शहर में कई मंदिर शामिल हैं।यह मुख्य रूप से गोवर्धन पहाड़ी की 21 किलोमीटर लंबी परिक्रमा के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर List –
    1. दान-घाटी मंदिर
    2. गोवर्धन परिक्रमा
    3.राधाकुंड
    4.मानसी गंगा कुंड
    5.कुसुम सरोवर
    6.जतीपुरा में श्रीनाथजी का मुखारविंद

  2. Gokul में घूमने की जगहें

    वृंदावन में प्रेम मंदिर, पागल बाबा का मंदिर , कृष्ण बलराम मंदिर प्रसिद्ध मंदिर हैं, जहां श्रद्धालुओं के लिए रुकने का अच्छा व्यवस्था किया गया है। इसके अलावा आपको वृंदावन में एक से एक धर्मशाला मिल जाएंगे, उनमें से कुछ ₹700 से भी कम में उपलब्ध है।

  3. वृंदावन में कितने मंदिर है

    वृंदावन में करीबन 5000 छोटे-बड़े मंदिर हैं

  4. मथुरा वृंदावन कितने दिन में घूम सकते हैं

    3-4 दिन में मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन पर्वत, बरसाना आदि सभी प्रमुख स्थानों के दर्शन करने के लिए आपको अपनी यात्रा को समय के साथ अच्छी तरह से व्यवस्थित करना होगा।

  5. वृंदावन क्यों प्रसिद्ध है

    वृंदावन भगवान श्रीकृष्ण की लीला से जुडा हुआ है। यह स्थान श्री कृष्ण की कुछ अलौकिक बाल लीलाओं का केन्द्र माना जाता है। यहाँ विशाल संख्या में श्री कृष्ण और राधा रानी के मन्दिर हैं


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